अनूठी पहल , जन्मदिन पर मेहमानों को बटेगा पौधा | पर्यावरण बचाने का परिवार देगा संदेश |

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किशोर साहू / 


बालोद / जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के एक परिवार ने अनूठी पहल की है | इस परिवार के बुजुर्गों ने फैसला लिया है कि अपने पोते के जन्मदिवस के मौके पर वो मेहमानों को छायादार वृक्ष भेंट करेंगे | वो अपने मेहमानों से यह विनती भी करेंगे कि इस पौधे की रक्षा का संकल्प भी ले |  जरूरत पड़े तो , यह परिवार पौधों की देखभाल के लिए खुद भी सहयोग करेगा | परिवार के मुताबिक जिस तेजी से छत्तीसगढ़ में जंगलों का सफाया हुआ है , उससे हरा-भरा छत्तीसगढ़ , उजाड़ होते जा रहा है | इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में बारिश में ना केवल कमी आई है बल्कि भूमिगत जल भी तेजी से नीचे चला गया है | इस परिवार ने अपने पोते के प्रत्येक जन्मदिन पर मेहमानों को पौधा रोपण करने का संदेश दोहराये जाने का संकल्प लिया है | उन्हें उम्मीद है कि इस छोटी सी पहल से एक दिन छत्तीसगढ़ “हरियाली” के मामले में एक बार फिर देश में जाना पहचाना जायेगा | 

बालोद जिले के ग्राम देवरी मोहंदीपाट के साहू परिवार के मुखिया कार्तिक राम साहू व उनकी पत्नी गोमती बाई साहू अपने पोते वृक्षांश के पहले जन्मदिन पर पर्यावरण बचाने का अनूठा संदेश देंगे। उनका यह आयोजन ‘पर्यावरण संरक्षण’ थीम पर रहेगा। जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। आयोजन में आने वाले हर मेहमानों को तोहफे में कपड़ा, मिठाई की जगह पौधे गिफ्ट किए जाएंगे। लोगों से भी अपील की जाएगी कि हर खास मौके पर एक पौधा जरूर लगाए और उनका संरक्षण करें। आयोजन के लिए जारी आमंत्रण कार्ड में भी अलग से “हरियर हमर छत्तीसगढ़ व एक कदम पर्यावरण की ओर” का भी संदेश दिया गया है। कार्ड को स्थानीय भाषा यानि छत्तीसगढ़ी में ही जारी किया गया है। बच्चे की ओर से ही अपील जारी की गई है कि मेरे जन्मदिन पर आप सभी को एक एक पौधा दे रहा हूं, इसे लगाकर शुद्ध ऑक्सीजन पाए।  इस तरह से  कार्ड जारी करने का आईडिया साहू परिवार को बालोद के जगन्नाथपुर गांव के यादव परिवार से मिला है। जिन्होंने जून में परिवार में जन्मी बिटिया के नामकरण संस्कार के समय कार्ड में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर” बेटी है तो कल है, बेटियों का करें सम्मान ,यहीं है परिवारों का अभिमान” का संदेश देते हुए कार्ड जारी किया था।यह आयोजन भी जिले सहित पूरे प्रदेश में चर्चा में रहा। बेटी की ओर से ही जारी कार्ड के कारण कई समाज संस्था के लोग आयोजन में जुटे और इस मौके पर भी पौधे लगाकर हरियाली सहेजने का संदेश दिया गया था। बेटी के पिता दीपक यादव के इस छोटे से प्रयास ने कई परिवारों को बेटी बेटा में भेदभाव दूर करने के लिए प्रेरित किया और इसी कार्ड  से आइडिया लेकर देवरी के साहू परिवार ने अपने पोते के जन्मदिन को इस अंदाज में मनाने का फैसला किया है

500 मेहमान को बुलावा, विधायक करेंगे पौधों का इंतजाम :- 

साहू परिवार इस आयोजन में 500 मेहमानों को नेवता दे रहा है। उनके इस पहल से प्रभावित होकर गुंडरदेही विधायक कुंवर निषाद अपनी ओर से 500 पौधे देंगे। विधायक ने कहा यह पहल अच्छी है। ऐसे छोटे कदम से ही लोग पर्यावरण संरक्षण से जुड़ सकतें हैं। आमतौर पर लोग दिवस विशेष या पौधरोपण कार्यक्रम में ही जागरूकता दिखाते हैं बाद  में सब भूल जाते हैं। लेकिन साहू परिवार ने लोगों को इस पहल से जोड़ने जन्मदिन उत्सव को चुना है। ऐसा हर परिवार को करना चाहिए।

प्लास्टिक मुक्त होगा आयोजन, केले के पत्ते में भोजन :- 

आयोजन में एक बड़ी खासियत यह भी है कि यहां किसी भी तरीके से प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा। जैसे अक्सर आयोजनों में प्लास्टिक के कप, डिस्पोजल, पत्तल का इस्तेमाल कर और कचरा फैला दिया जाता है। लेकिन इस परिवार ने प्लास्टिक मुक्त आयोजन का फैसला किया है। जिसमें सभी मेहमानों के लिए केले के पत्ते को पत्तल बनाकर भोजन दिया जाएगा। भोजन भी सभी को पंगत यानि भंडारे की तरह बैठा कर दिया जाएगा। ताकि छग की संस्कृति को भी सहेजा जा सके। चाय, पानी के लिए भी स्टील गिलास या कागज के डिस्पोजल का इस्तेमाल होगा।

बेटे की पहल से पिता को मिली प्रेरणा :-

पिता कार्तिक राम साहू ने कहा उनके बेटे भोज साहू की डौंडीलोहारा निवासी खुशबु साहू से शादी के समय बेटे ने हर मेहमानों को कहा था कि उन्हें शादी में कोई तोहफा नहीं बल्कि सिर्फ एक पौधा चाहिए। कई मेहमानों ने उन्हें तोहफे में पौधा देकर सम्मानित किया था। बेटे की पहल से प्रेरित होकर उन्होंने अपने पोते के पहले जन्मदिन को खास बनाने आने वाले हर मेहमान को तोहफे में पौधे देने का फैसला किया है।

घानी परंपरा को भी रख रहे जिन्दा :-

इसी परिवार ने सोमनी में घानी परंपरा को जिन्दा रखने के लिए सोमनी में गन्ना रस की दूकान खोली है। जहां बैल के माध्यम से ही घानी चलाकर गन्ने की पेराई की जाती है। जब मशीनों का अविष्कार नहीं हुआ था तो लोग इसी तरह से घानी के जरिए तेल व गन्ना सहित अन्य चीजें पेरने के लिए घानी का इस्तेमाल करते थे। जिसे मवेशियों के जरिए ही चलाया जाता था। इससे किसानों का गौधन के प्रति भी जुड़ाव बढ़ता है। इस उद्देश्य के साथ साहू परिवार ने सोमनी में घानी लगाया है।