बिलासपुर / बस्तर जिले के एर्राबोर कैम्प में 32 आदिवासियों की नक्सलियों द्वारा हत्या करने के मामले में हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है | शासन से कोर्ट ने जांच रिपोर्ट की जानकारी मांगी है | गौरतलब है कि 2016 में बस्तर के एर्राबोर में रह रहे 32 आदिवासियों के कैम्प में हमला कर नक्सलियों ने हत्या कर दी थी | मामले में जांच को उजागर करने और दोषियों पर करवाई की मांग को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. पी. नारायण स्वामी ने ये जनहित याचिका लगाई है. हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच में ये मामला लगा है |
बता दें कि 2006 में बस्तर के लाल आतंक का विरोध करने वाले ग्रामीण जान बचाने के लिए अपना घर, मवेशी,खेत – खार छोड़कर सरकार द्वारा बनाए गए एर्राबोर शिविर में रह रहे थे | शिविर में रहने वाले ग्रामीणों को नक्सलियों से सुरक्षा दिलाने की जिम्मेदारी सरकार और पुलिस की थी | 16 जुलाई 2006 की रात नक्सली पुलिस थाने से महज 50 मीटर दूर में स्थित शिविर में घुस गए और 32 ग्रामीण आदिवासियों की हत्या कर दी | राज्य शासन ने नरसंहार की सेवानिवृत्त न्यायधीश से जांच कराई और 2007 के जांच पूरी हो गई | उसके बाद जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किए जाने पर पी. नारायण स्वामी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है | मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट को मामले की स्थिति, समिति की कोई रिपोर्ट या रिकॉर्ड हो तो उसे भी पेश करने के निर्देश दिए है |