महाराष्ट्र के “कोंकण” इलाके की पारंपरिक “तलवारबाजी” देख कर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे | तलवारबाजी का यह “हुनर” अब “लोककला” में तब्दील हो चूका है | गांव- कस्बो के कुछ लोगो ने इसे अभी तक “सहेज” कर रखा है | ये “हुनर” अब उनकी “रोजी-रोटी” का जरिया बन गया है | पारंपरिक “वेशभूषा” पहने “कोंकणी” कलाकार जब अपना “हुनर” दिखाते है, तब दर्शको की “सांसे” फूल जाती है |