चांद पर इसरो ने खोज निकाला विक्रम लैंडर, संपर्क साधने की कोशिश |  

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दिल्ली | चंद्रयान – 2  को लेकर अभी अभी अच्छी खबर आ रही है । शनिवार की रात लैंडर विक्रम का इसरो  से संपर्क टूट गया था ।  जिसके बाद ऑर्बिटर ने आज इसरो को लैंडर विक्रम की तस्वीर भेजी है । इसरो की टीम ने एक बार फिर विक्रम से संपर्क साधने में जुट गई है । इसकी जानकारी इसरो ने  दी है । इसरो  चीफ का कहना है है हम जल्द ही विक्रम  से संपर्क साध लेंगे । हालांकि, उससे अभी कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है | ये भी खबर है कि विक्रम लैंडर लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है | चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है | ज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैंडेटा एनालिसिस के बाद पता चलेगा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे |

अब इसरो वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके | इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से लगातार विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर को संदेश भेजा जा रहा है ताकि कम्युनिकेशन शुरू किया जा सके | इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि हमें विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है, वह चांद की सतह पर देखा गया है | ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल पिक्चर ली है | लेकिन अभी तक कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है | हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं |  भविष्य में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कितना काम करेंगे, इसका तो डेटा एनालिसिस के बाद ही पता चलेगा |

इसरो वैज्ञानिक अभी यह पता कर रहे हैं कि चांद की सतह से 2.1 किमी ऊंचाई पर विक्रम अपने तय मार्ग से क्यों भटका | इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि विक्रम लैंडर के साइड में लगे छोटे-छोटे 4 स्टीयरिंग इंजनों में से किसी एक ने काम न किया हो | इसकी वजह से विक्रम लैंडर अपने तय मार्ग से डेविएट हो गया | यहीं से सारी समस्या शुरू हुई, इसलिए वैज्ञानिक इसी प्वांइट की स्टडी कर रहे हैं | इसके अलावा चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा से विक्रम लैंडर की तस्वीर ली जाएगी | यह कैमरा चांद की सतह पर 0.3 मीटर यानी 1.08 फीट तक की ऊंचाई वाली किसी भी चीज की स्पष्ट तस्वीर ले सकता है |