रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED ने अपनी जाँच में तेजी लाते हुए ”छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसयटी” को एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। इसमें सुपर CM डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया, IAS रानू साहू उनके पति IAS JP मौर्य, IAS समीर विश्नोई, कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी समेत दो अन्य अफसरों की काली करतूतों को लेकर नोटिस जारी किया गया है। चिप्स से समय सीमा के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। जानकारी के मुताबिक करोडो के घोटाले की विवेचना में ऐसे तथ्यों के सामने आने के आसार है जो हैरान करने वाले है। सूत्रों के मुताबिक इस नोटिस के मिलने से चिप्स में खलबली मच गई है।
दरअसल चिप्स में हालियां छापो के दौरान ED को कई महत्वपूर्ण डाटा और दस्तावेज हाथ लगे है। उन्हें लेकर सौम्या चौरसिया समेत अन्य संदेहियों से पूछताछ जारी है। ED ने घोटाले से जुड़े मामलो में सूर्यकान्त तिवारी और समीर विश्नोई से लम्बी पूछताछ की है। इस पूछताछ में सामने आये तथ्यों का सौम्या चौरसिया से प्रति परिक्षण भी कराया गया है। सूत्र बताते है कि एक निर्णायक कार्यवाही से पूर्व विवेचना में शामिल तथ्यों में ”चिप्स ” से अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
कहा जा रहा है कि इस नोटिस और उसके जवाब को लेकर एक ACS स्तर के वरिष्ठ IAS अधिकारी ने किनारा कर लिया है। बताते है कि ये अफसर भी संदेहियों की सूची में है। अगले चरण में उससे भी पूछताछ के आसार है। बताया जा रहा है कि चिप्स घोटाले में गैर क़ानूनी ठेको में बगैर कार्य किये और महज खानापूर्ति कर करोडो का भुगतान कर दिया गया था।
यह रकम कुछ खास लोगों की तिजोरी में जाती थी। इस लूट में एक प्रभावशील ” दामाद” के कारनामे भी चर्चा में है। आरोपी विश्नोई ने अपने बयानों में इसकी तस्दीक भी की है। बताते है कि चिप्स में होने वाली अवैध वसूली की बागडोर इसी शख्स के हाथो में थी।
चिप्स घोटाले के महत्वपूर्ण तथ्यों को हिरासत में लिए गए आरोपियों के आलावा अन्य स्रोतों ने भी तस्दीक किया है। इसके चलते चिप्स में सरकारी रकम को हथियाने का काला चिटठा ED के सामने खुल गया है। सूत्र बताते है कि चिप्स में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के कई सबूत और डाटा काफी पहले ही ED हासिल कर चुकी थी। रही – सही कसर छापो में पूरी हो गई। लेकिन इन छापो में उसे वो डाटा नहीं मिल पाया था, जो उसके पास पहले से ही मौजूद था।
ED ने सुनियोजित भ्रष्टाचार की कई कड़ियों को आपस में जोड़ लिया है। बताया जाता है कि इसकी तस्दीक के लिए ही ED ने चिप्स को नोटिस जारी किया है। फिलहाल चिप्स के जवाबो को लेकर गहमा – गहमी है। कई अफसर अब अपने बचाव में है।
बताते है कि घोटाले से जुड़े कई डाटा और दस्तावेजों की लम्बी फेहरिस्त को शिकायत के साथ कुछ कम्पनियो ने भी ED को सौंपा था। यह डाटा और दस्तावेज काफी महत्वपूर्ण बताये जाते है। इसमें अफसरों की काली करतूते साफ़ – साफ नजर आ रही है। बताते है कि कुछ अफसरों ने छापे के अंदेशे के चलते ऐसे डाटा और दस्तावेजों को दफ्तर से गायब कर दिया था।
सूत्र बताते है कि IAS समीर विश्नोई के ठिकानो में छापा पड़ते ही सौम्या चौरसिया गैंग सक्रीय हो गया था। उसने फ़ौरन चिप्स के दफ्तर से महत्वपूर्ण डाटा और दस्तावेजों को रफा – दफा कर दिया था। अब वही जानकारियां अधिकृत रूप से ED द्वारा मांगी जा रही है। चिप्स को जारी नोटिस को इसी सबूत नष्ट करने वाली कवायत से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि छापे से पूर्व एवं छापे के बाद भी सबूत नष्ट करने के मामले में दो कर्मियों का नाम सुर्खियों में है। फिलहाल ED को जवाब देने के लिए चिप्स में माथा- पच्ची हो रही है।