चंडीगढ़. Punjab News: पटियाला की केंद्रीय जेल के अधीक्षक चाहें तो रोडरेज के केस में एक साल की सजा काट रहे कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सभी दोषियों के लिए उपलब्ध सामान्य छूट के आधार पर 19 फरवरी के बाद कभी भी जेल से बाहर आ सकते हैं. नियमों के मुताबिक नवजोत सिद्धू को जेल फैक्ट्री में काम करने के लिए 60 दिन और अच्छे व्यवहार के लिए 30 दिन की छूट मिल सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह शक्तियां जेल अधीक्षक के क्षेत्राधिकार में हैं. वह राज्य सरकार की अनुमति के बिना इन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सिद्धू को रिहा कर सकते हैं.
हालांकि जेल विभाग के अधिकारी सिद्धू की रिहाई के समय को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सिद्धू को जेल में अपने काम और अच्छे व्यवहार के दिनों को जोड़कर 90 दिनों की छूट मिल सकती है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद 20 मई को उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया था. 90 दिनों की छूट ने उन्हें 19 फरवरी से रिहा होने के योग्य बना दिया है. इससे पहले पिछले महीने भी उनकी रिहाई की खबरें आई थीं, लेकिन उन्हें राज्य और केंद्र की योजनाओं के तहत विशेष छूट नहीं मिल सकी थी.
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई पर कांग्रेस की नजरें टिकी हुई हैं. उनके समर्थक भी उनके प्रति वफादारी दिखाने के लिए उनसे जेल में मिल चुके हैं. कांग्रेस नेताओं को सिद्धू के जेल से बाहर आने पर पार्टी में नई ऊर्जा और संचार पैदा होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू के जेल में जाने के बाद पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में सिद्धू से कांग्रेस हाईकमान को भी बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं.