भारत बंद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सड़कों पर दलित संगठन, झारखंड में बस स्टैंड खाली, बिहार के जहानाबाद में नेशनल हाइवे जाम….

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नई दिल्ली: आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आज देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. यह ‘भारत बंद’ एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुलाया गया है. हालांकि, कुछ राज्यों में बंद का असर व्यापक हो सकता है, लेकिन Emergency Services और आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी। सरकारी कार्यालय, डाकघर, बैंक खुले रहेंगे.

वही बिहार के जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 83 को अवरुद्ध किया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और चिराग पासवान की पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। साथ ही, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को भी समर्थन मिला है। कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के नेता भी इस बंद के समर्थन में हैं।

उधर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में आज भारत बंद का असर दिख रहा है। सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं है। जिले के कोचिंग संस्थान, आंगनवाड़ी और पुस्तकालय भी बंद रहेंगे। सरकारी शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने संस्थानों में उपस्थिति दर्ज करनी पड़ेगी। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

झारखंड के गिरिडीह में भारत बंद का व्यापक प्रभाव देखा गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लोगों में नाराजगी दिखाई है, और वे सड़कों पर उतर गए है। सरकारी परिवहन सेवाएं यानी कि सरकारी बस सर्विस प्रभावित हुई हैं। लंबी दूरी की गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई है। गिरिडीह के बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा हुआ है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही बंद को सफल बनाने की कोशिशें शुरू कर दी।

राष्ट्रीय दलित और आदिवासी संगठनों के महासंघ (NACDAOR) ने भारत बंद के समर्थन में एक मांग-पत्र जारी किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लेने की मांग की है। NACDAOR ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए नए संसद अधिनियम की मांग की है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति-आधारित आंकड़ों की तत्काल रिहाई की मांग की है।