नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का प्लान आने वाले दिनों में देश भर से 250 से अधिक इंजीनियरों की भर्ती करना है. इसके साथ ही एनपीसीआई ‘लर्न डीपटेक व्हाइल यू अर्न’ कार्यक्रम का भी आयोजन करेगा. जिसके तहत देश भर से 250 से अधिक विश्व स्तरीय ग्रेजुएट इंजीनियर को एक साल तक ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा.
इस ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट भी कंपनी की ओर से मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा जीईटी को उन्हें दिए जा रहे वेतन पैकेज के अलावा 1 साल के पीजी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा. इस प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से एनपीसीआई का लक्ष्य प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करना है।
नए शामिल जीईटी को भारत भर के प्रमुख मेट्रो शहरों में एनपीसीआई की विश्व स्तरीय कार्यालय सुविधाओं में रखा जाएगा। हाल ही ग्रेजुएशन पूरा करने वाले उम्मीदवारों को लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने का मौका मिलेगा जहां उन्हें यूपीआई, रुपे और फास्टैग जैसे टॉप-नोच प्रोडक्ट्स पर काम करने को मिलेगा जो हर दिन लाखों लोगों के जीवन को छूते हैं.
ग्रेजुएट इंजीनियरिंग ट्रेनीज मिलेंगे कई फायदे
इस तरह ग्रेजुएट इंजीनियरिंग ट्रेनीज को देश के सर्वश्रेष्ठ और तकनीकी रूप से विशेषज्ञ लोगों के एक असाधारण स़हकर्मी समूह का हिस्सा बनने का अवसर भी मिलेगा. ग्रेजुएट इंजीनियरिंग ट्रेनीज को 550 से अधिक डोमेन विशेषज्ञों की एक मजबूत टैक्नोलॉजी टीम के साथ काम करने का मौका भी हासिल होगा. इस दौरान वे ऐसे इनोवेशन भी कर सकेंगे, जो एनपीसीआई को ‘डिजिटल पेमेंट्स फॉर ऑल’ के अपने विजन को साकार करने में मदद कर सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक की पहल है NPCI
इस पहल का उद्देश्य रिटेल पेमेंट्स को उन्नत करने के लिए शिक्षा और टैक्नोलॉजी के शक्तिशाली मेल का लाभ उठाना, दर्शकों की पहुंच को व्यापक बनाना और परेशानी मुक्त, आर्थिक रूप से स्वतंत्र भारत के लिए अधिक दक्षता का निर्माण करना है. जीईटी के कंधों पर ऐसे इनोवेशन तैयार करने का दायित्व होगा, जिनके माध्यम से लोग सिर्फ एक बटन के क्लिक के माध्यम से वित्त और डिजिटल भुगतान प्रणाली तक पहुंच सकेंगे. बता दें कि एनपीसीआई भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ की एक पहल है, जो भुगतान और निपटान बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए है.