रायपुर/अहमदाबाद/दिल्ली: छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में महादेव सट्टा ऐप को लेकर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हो गई है। बताया जाता है कि भिलाई की तर्ज पर रायपुर से सटा तिल्दा सटोरियों का स्वर्ग बन गया था। रायपुर के धरसींवा से लेकर बलौदाबाजार के कई गांव-कस्बों तक हज़ारों एकड़ जमीनों पर सटोरियों का कब्ज़ा हो गया है। महादेव ऐप कारोबार से जुड़े इलाके के कई सटोरिये एजेंसियों की नज़रों से बचते हुए इन इलाकों में जमकर निवेश कर रहे है। बताया जाता है कि महादेव ऐप सट्टा कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग ने तिल्दा इलाके में अपनी खासी जड़े जमा ली है।
उधर ताजा घटनाक्रम में गुजरात के पाटन जिले के चासमा गांव से दिनेश व्यास नामक हवाला कारोबारी को छत्तीसगढ़ पुलिस ने धर दबोचा है। बताया जाता है कि गिरफ्तार आरोपी छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे और उनकी उपसचिव सौम्या का खासम-खास है। पूर्ववर्ती भूपे सरकार के कार्यकाल में इस आरोपी का रसूख पुलिस महकमे में सिर चढ़कर बोलता था। बताते है कि ED की दबिश शुरू होते ही दागी आईपीएस अधिकारियों के संरक्षण में यह आरोपी प्रदेश से नौ दो ग्यारह हो गया था। उसका ठिकाना भिलाई में भी, बताया जाता है।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने आरोपी व्यास को उसके गुजरात स्थित गृहनगर के एक ठिकाने से अपने कब्जे में लिया है। उसे ट्रांजिट रिमांड में रायपुर लाया जा रहा है। उसके खिलाफ 2 माह पूर्व 3 जुलाई को लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। एजेंसियों की नज़रों से बचते हुए आरोपी ने गुजरात में अपना ठिकाना बना लिया था। जानकारी के मुताबिक एक जॉइंट ऑपरेशन के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोपी को उसके पैतृक गांव से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने गुजरात में उसके गृहनगर से कब्जे में लेने के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया था। यहाँ से कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस टीम आरोपी को लेकर रायपुर रवाना हो चुकी है। बताते है कि EOW की टीम उससे पूछताछ करेगी। महादेव ऐप सट्टा कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिल्दा इलाका सुर्ख़ियों में है। यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी व्यास ने यहाँ कई दिनों तक शरण ली थी। इसके बाद गुजरात दाखिल हुआ था। उसके कई सहयोगी-साथी तिल्दा इलाके में अभी भी सट्टे कारोबार में लिप्त बताये जाते है, इस इलाके में उनका करोड़ो का नामी-बेनामी निवेश सुर्ख़ियों में है।
यह भी बताया जाता है कि सट्टा कारोबार की आमदनी का बड़ा हिस्सा तिल्दा के सुनियोजित हवाला नेटवर्क के जरिये दुबई तक संचालित होता था। हालांकि प्रदेश में ED के सक्रीय होते ही मनी लॉन्ड्रिंग करने के बजाय सटोरियों ने रियल एस्टेट कारोबार में ब्लैक मनी खपाना शुरू कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री ‘भूपे कुनबे’ में शामिल कई कारोबारियों-अफसरों और राजनेताओं के तार इस इलाके से जुड़े बताये जाते है।
सूत्र तस्दीक करते है कि तिल्दा के चर्चित सटोरिये पिता-पुत्र, बब्बन, पिता नन्दलाल दिनेश व्यास के पद चिन्हों पर चल कर महादेव ऐप सट्टा कारोबार के संचालन में दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे थे। दुबई तक उनका नाम विश्वास पात्र सटोरियों के रूप में गिना जाता था। बताते है कि सटोरिये पिता-पुत्र भी पूर्व मुख्यमंत्री के काले कारनामों में बराबर के साझेदार थे।
सीबीआई की सुगबुगुहाट के बीच प्रदेश का EOW सक्रियता के साथ महादेव ऐप से जुड़े सटोरियों की नाक में नकेल कस रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों कई नामी-गिरामी सटोरिये EOW के हत्थे चढ़ सकते है। फ़िलहाल पूर्व मुख्यमंत्री के खेमे में मची खलबली चर्चा का विषय बनी हुई है।