रिपोर्टर – अविन सिंग सोहल
कानपूर वेब डेस्क / कोरोना संक्रमण ने जहां लोगों को दुःख दिया है वही कुछ लोग ऐसे भी है , जिन्हे सुखद जिंदगी का एहसास भी हुआ है | पुरानी कहावत है , “घूरे के दिन भी बदलते है” अर्थात समय कब, किसका, कहां, कैसे बदल जायेगा किसी को नहीं पता होता | जीवन की हकीकत यही है | लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी घटनाये सामने आ रही है , जो अपने साथ लोगों का नकारात्मक दृष्टिकोण सामने लेकर आती है | लेकिन अब ऐसी घटना सामने आई है , जिसे देख सुनकर आप हैरान रहे जाएंगे |
यह घटना बड़ी सकारात्मक है | जो समाज में ऊंच नीच की भावना से कहीं ऊपर है | हालांकि लोग यह भी कहते है कि प्यार अँधा होता है | चाहे जो कहे , इस युवक को पहली नजर में प्यार हुआ और उसने फौरन उस लड़की से शादी की पेशकस कर दी | इस लड़की को प्यार शब्द सुनकर हैरानी हुई | उसके पैरों तले जमीन खिसक गई | जब उस युवक ने उससे शादी की तब उसे यकीन हुआ कि जिंदगी कितनी हसीन है | मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है |
दरअसल कानपूर में एक युवक-युवती की अनोखी शादी देखने को मिली | इस शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया था | यही नहीं इस शादी में प्रभावशील और आर्थिक रूप से संपन्न कई लोग मौजूद थे | सामाजिक सोच बदलने वाली इस शादी के बारे में जिसने भी सुना वो हैरान रह गया | दरअसल लॉकडाउन के दौरान गरीबी की वजह से फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठकर नीलम नामक युवती रोजाना खाना खाया करती थी | अनिल नामक युवक उसे खाना परोसा करता था | इसी दौरान अनिल और नीलम एक दूसरे के संपर्क में आये | अनिल ने उसके बारे में जानकारी इक्क्ठा की | जब उसे नीलम की मजबूरियों का पता चला तो उसने उसका साथ देने का फैसला किया | पता नहीं कब उसे इस लड़की से प्यार हो गया | चंद दिनों में ही दोनों की मेल मुलाकात जीवन भर के हमसफ़र बन गई |
अनिल ने नीलम के साथ सात फेरे लेकर उसकी मांग भरने और अपनी पत्नी बनाने का प्रस्ताव दिया | पहले तो नीलम को यह अविश्वसनीय लगा | लेकिन अनिल की बातों पर यकीन करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं था | तुरंत शादी का प्रस्ताव लेकर अनिल नीलम के परिजनों के पास पहुँच गया | उन्हें भी यकीन नहीं हुआ | बताया जाता है कि नीलम के पिता नहीं हैं, मां पैरालिसिस से पीड़ित है | जबकि आर्थिक तंगी के चलते उसके भाई और भाभी ने उसे मारपीट कर घर से भगा दिया है | नीलम के पास गुजारा करने के लिए भी कुछ नहीं था | लॉकडाउन के दौरान उसने कई लोगों से रोजगार भी मांगा | लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ | उसकी हालत ऐसी थी कि उसे फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठकर पेट भरना पड़ता था | वो खाने लिए उनके साथ रोजाना लाइन में लगती थी |
उधर अनिल भी अपने मालिक के साथ रोजाना समाज सेवा के लिए सबको खाना देने आता था | वो शहर के एक बड़े प्रॉपट्री डीलर के यहां कामकाज करता है | अनिल ने अपनी आपबीती और प्यार की दास्तान अपने मालिक लालता प्रसाद को बताई | लालता भी उसकी भावना समझ गए | इसके बाद लालता प्रसाद ने अनिल के पिता को शादी के लिए राजी किया और दोनों की शादी करा दी | लालता प्रसाद ने बताया कि अनिल खाना बांटने हमारे साथ जाता था फिर उसे उस लड़की से लगाव हो गया | उन्होंने कहा कि मैंने फिर इस लड़की के साथ सभी लोगों को रात में भी खाना देने के लिए निर्देशित किया | उन्होंने कहा कि फिर अनिल खुद खाना बनाकर इस युवती को देने लगा | इसके बाद उन्होंने अनिल के पिता को उसकी शादी के लिए राजी किया | उसके परिजनों की हामी भरने के बाद दोनों की शादी करवा दी , अपना आशीर्वाद देते हुए लालता प्रसाद ने कहा कि अब भगवान की कृपा से दोनों बेटा-बेटी खुश हैं |