Lok Sabha Elections 2024: आखिरी चरण में पीएम मोदी ने झोंकी पूरी ताकत, उत्साह में बीजेपी, 7वें चरण में मुस्लिम वोटर सुर्ख़ियों में, इंडिया गठबंधन औपचारिकता की ओर बढ़ता हुआ……  

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दिल्ली: Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है, 7वें और अंतिम चरण के मतदान शनिवार यानि एक जून को डाले जाएंगे. इस चरण में 8 राज्यों की बची 57 सीटों पर वोटिंग होगी। कई दिग्गजों का भविष्य इस दिन EVM में बंद हो जायेगा। इंडिया गठबंधन इस दौर में कटी पतंग की तर्ज पर नजर आ रहा है, वही पीएम मोदी ने भी विपक्ष की तमाम कमजोरी को अपनी ताकत बनाते हुए, बीजेपी में उत्साह बढ़ा दिया है।

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कांग्रेस नेता राहुल गाँधी का ‘खट्टा – खट्ट, खटाखट’ वाला बयान विपक्ष के लिए गले की फ़ांस साबित हो रहा है। हालांकि बीजेपी के बढ़ते कदमों को थामने और मोदी के अरमानों पर पानी फेरने के लिए इंडिया गठबंधन ने भी कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है, बावजूद इसके मोदी ‘पीएम’ पद पर ‘हैट्रिक’ पर है। उन्हें 4 जून का बेसब्री से इंतज़ार है।

अंतिम चरण में जिन नेताओं का भाग्य EVM में कैद होगा, उनमे पीएम मोदी बनारस से, गोरखपुर से भोजपुरी स्टार रवि किशन, हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत, कांग्रेस से विक्रमादित्य सिंह, हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और बिहार की पटना साहिब से बीजेपी के रविशंकर प्रसाद सहित अन्य दलों के दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लग जाएगी।  

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण से ही बीजेपी ने मुस्लिम आरक्षण को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है। पार्टी दावा कर रही है कि अगर इंडी गठबंधन जीत हासिल करता है तो एससी और ओबीसी के आरक्षण में वो मुस्लिमों को भी शामिल करेंग। बीजेपी ने 500 सालों से गुलामी का दंश झेल चुके अयोध्या के राम मंदिर के मुद्दे को भी उठाया है। 

वहीं, विपक्ष जातिगत जनगणना, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठा रहा है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव लगातार, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को अपनी रैली में उठा कर वोट की मांग कर रहे हैं। 1 जून को उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर मतदान होगा. इनमे महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रोबर्ट्सगंज लोकसभा सीट शामिल हैं.

पूर्वांचल की जनता बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सपा के दावों को पचा नहीं पा रही है। कई लोगों का कहना है कि बेरोजगारी और महंगाई ने उन्हें भले ही परेशान कर दिया है, लेकिन मोदी जैसा पीएम मिलना मुश्किल है। उनके रहते कम से कम पढ़ाई करने के बाद भी बच्चों को नौकरी मिलने के आसार है, लेकिन विपक्ष के पास महंगाई से निजात की कोई योजना तक नहीं है। उनकी खुद कमर टूट गई है। 

इस चरण में मुस्लिम वोटर्स सुर्ख़ियों में है। बेरोजगारी और महंगाई से बड़ा मुद्दा उनके लिए देश में सौहार्द स्थापित करना है। इसके लिए वे केंद्र और बीजेपी की नीतियों को जायज ठहरा रहे है। हिजाब हटाने जैसे मुद्दे को लेकर कई मुस्लिम नेता बीजेपी के साथ सुर में सुर मिला रहे है।