नई दिल्ली/पटना : लोकसभा चुनाव-2024 बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो रहा है। राज्य के सबसे प्रभावशील परिवार के कई सदस्य अब राजनीति के हासिये पर है। देश की राजनीति में चर्चित इस परिवार में अब कोई भी सदस्य, सांसद की कुर्सी पर नहीं है। हालांकि कांग्रेस से अच्छे संबंधों के चलते पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन छत्तीसगढ़ से बतौर राज्य सभा सदस्य संसद पहुंची है। उनका कार्यकाल भी अब शेष नहीं बचा है। लालू परिवार अपनी राजनैतिक जमीन को मजबूत बनाने में जुटा है।
इस बार भाई-बेटे नहीं बल्कि लालू परिवार में बेटी ने मोर्चा संभाला है। वो अपने पिता की राजनैतिक विरासत सहजने में जुटी है। इसके लिए वो खासतौर पर सिंगापुर से सारण पहुंची है। विदेश में निवासरत रोहिणी आचार्य ने RJD से नामांकन दाखिल कर अपने विरोधियों को हैरत में डाल दिया है। सारण लोकसभा सीट से ही लालू यादव ने संसद का रास्ता तय किया था। बिहार में यह सीट अब चर्चा में है। यहाँ बीजेपी ने रोहिणी आचार्य की तगड़ी घेराबंदी की है। गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य ने ही लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी डोनेट की है.
देश में चार चरणों की वोटिंग के बाद पांचवें चरण के लिए 20 मई को वोट डाले जाएंगे. पांचवें चरण में बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर भी मतदान होना है. इनमे सारण (साल 2009 से पहले छपरा), हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी और सीमामढ़ी शामिल हैं. इनमें से सारण को इस बार हॉट माना जा रहा है. लोगो की निगाहें कभी RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव का गढ़ रहे सारण लोकसभा सीट पर टिकी हैं. लालू यादव ने इस बार यहां से सिंगापुर में रहने वाली अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, BJP की ओर से राजीव प्रताप रूडी मैदान में हैं. रूडी पिछले दो बार से सारण लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं. लेकिन, रोहिणी आचार्य के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
जानकारी के मुताबिक परिसमीन होने के बाद साल 2009 में छपरा लोकसभा सीट का नाम सारण संसदीय सीट हो गया है। लालू प्रसाद यादव इस क्षेत्र से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने साल 2009 में आखिरी बार इस सीट से चुनाव लड़ा था। यहाँ से जीत हासिल कर केंद्रीय रेल मंत्री भी बने थे। लेकिन अगले चुनाव में यह सारण सीट, आरजेडी के हाथ से निकल गई. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी यहां से लगातार चुनाव जीते हैं। लालू यादव ने इस बार अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को इस सीट का टिकट दिया है. रोहिणी के चुनाव मैदान में उतरने से सारण में मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
बिहार की राजनीति में लालू का कुनबा हासिये पर आ गया है। उनकी पत्नी-समधी समेत कई रिश्तेदार लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। लालू प्रसाद यादव ने सारण से आखिरी बार साल 2009 में संसदीय चुनाव लड़ा था. इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यहाँ से आरजेडी ने राबड़ी देवी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह राजीव प्रताप रूडी से चुनाव हार गई थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू यादव ने अपने समधी चंद्रिका राय को यहां से उतारा था. लेकिन वे भी सीट नहीं बचा सके थे. चंद्रिका राय लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर हैं.
फिलहाल दोनों परिवारों का रिश्ता आपसी विवाद के चलते तल्ख हो चुका है. चंद्रिका राय भी राजनैतिक रूप से काफी प्रभावशील है। उनके पिता दारोगा राय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके है। अब इस बार यहाँ मोदी गारंटी जोर पकड़ रही है। रोहिणी को चुनाव मैदान में उतार कर विपक्षी दलों ने देशी-विदेशी का मुद्दा छेड़ कर लालू यादव को चौंका दिया है.