रिपोर्टर — केशव बघेल
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले दो आरक्षक की बड़ी लापरवाही सामने आई है आरक्षक ने आरोपी को जेल दाखिल करने के बजाए घर भेज दिया। मामले की जानकारी लगते ही जांजगीर एसपी पारुल माथुर ने दोनों आरक्षक सुनील सिंह एवं भूषण राठौर को तत्काल निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल मामला नैला चौकी क्षेत्र का है जहां ग्राम हाथीटिकरा का रहने वाला प्रार्थी तिहारू राम पटेल ने अपने बेटे रमेश पटेल के खिलाफ नैला चौकी में रिपोर्ट लिखवाई थी कि उसका बेटा शराब पीकर घर में गाली गलौज मारपीट किया करता है। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी रमेश कुमार पटेल को गिरफ्तार कर धारा 151, 107, 116(3) के तहत मामला दर्ज कर जांजगीर तहसील न्यायालय में आरोपी को पेश किया। जहां तहसीलदार ने आरोपी के खिलाफ जेल वारंट जारी कर जेल दाखिल करने का आदेश आरक्षको को दिया था। मगर आरक्षक ने उसे जेल ना भेज कर घर भेज दिया।
वही मामले में आरक्षको का कहना है कि गलती से उसे घर भेज दिया गया उन्हें लगा कि उसे जमानत में छोड़ दिया गया है वही मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस रिहाई वारंट लेकर जेल पहुंची तो उन्हें पता चला कि रमेश कुमार पटेल के नाम से कोई भी आरोपी यहां नहीं है।
जानकारी मिलने के बाद जब दोषी आरक्षको से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि आरोपी रमेश कुमार पटेल को उसी समय जमानत मिल गई है, सोंच कर उसे घर भेज दिया था। फिलहाल आरक्षको की गलती सामने आ चुकी है जिसके चलते एसपी पारुल माथुर ने तत्काल दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया है और जांजगीर एसडीओपी दिनेश्वरी नंद को मामले में जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है
एसडीओपी दिनेश्वरी नंद ने बताया कि आरक्षको से पूछताछ करने पर उनका कहना था कि तहसीलदार से जमानत मिली है सोच कर उसे उसी समय छोड़ दिया था बाद में रिहाई वारंट लेकर जब रमेश पटेल को छुड़ाने जेल गए तब पता चला कि रमेश कुमार पटेल नाम का कोई आरोपी यहाँ नहीं है फिलहाल दोनों आरक्षको से गलती हुई दिख रही है इसलिए उन पर कार्रवाई करते हुए आगे की जांच के लिए मुझे आदेश प्राप्त हुआ है।