दिल्ली /रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब जाकर आज राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर चुनाव आयोग की सिफारिश की वो कॉपी उन्हें भी उपलब्ध कराने की अपील की है ,जिसके चलते राज्य में अस्थिरता उत्पन्न हो गई थी | उन्हें पार्टी में तोड़ फोड़ और बगावत की आशंका के चलते अपने विधायकों को लेकर यहाँ वहां भागना पड़ा था | मंत्रालय का कामकाज छोड़कर वे कभी रांची के रिसोर्ट में नजर आये ,तो कभी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तमाम मंत्री और विधायकों को डेरा दंपार के साथ भेज दिया | खुद भी बीजेपी पर विधायको की खरीद फरोख्त और सरकार की बर्खास्तगी का आरोप लगाने लगे |
मामला यही नहीं थमा ,जब रायपुर में झारखण्ड के विधायक पहुंचे तो वे सूरा और सुंदरी के आरोपों से घिर गए | दरअसल यहाँ के रिसोर्ट में विधायकों के लिए शराब से लदी आबकारी विभाग की गाड़ी पत्रकारों के कैमरे में कैद हो गई | घटना उजागर होने के बाद बीजेपी ने फ़ौरन मुद्दा लपक लिया |
उसके कई नेताओ ने छत्तीसगढ़ सरकार पर झारखण्ड के विधायकों को अय्याशी कराने का आरोप मढ़ दिया | सरकारी गाड़ी में लदी महँगी शराब का मुद्दा भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस दोनों पर भारी पड़ा | इस दौरान कांग्रेस के तमाम नेताओ के साथ -साथ आबकारी विभाग के अफसरों ने कार्यवाही को लेकर चुप्पी साध ली | सरकारी प्रवक्ताओं ने घटना की जांच को लेकर कन्नी काट ली | वही कांग्रेस प्रवक्ताओं को भी सांप सूंघ गया | इस मामले पर प्रतिक्रिया जाहिर करने में किसी ने रूचि नहीं दिखाई |
उधर रायपुर में सियासी घमासान के बीच मौज मस्ती कर वापस रांची लौटे झारखंड के तीन विधायकों की तबियत भी ख़राब हुई | विधानसभा में बहुमत साबित करने की कवायत में शामिल हुए ये तीनो विधायक सर्दी खांसी और बुखार से पीड़ित बताए गए | बताया गया कि महोदय कोरोना की आशंका के चलते तनाव में है | दरअसल सियासी अनिश्चितता के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहुमत साबित करने के लिए एक दिन का विधानसभा सत्र बुला लिया था |
जबकि राज्यपाल रमेश बैस ने ना तो उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहा और ना ही सदन की बैठक आहूत करने के निर्देश दिए | राजधानी रांची से मंत्रियो और विधायकों के नदारद होने के बाद बचे-कूचे JMM और कांग्रेस के विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर सोरेन सरकार के बहुमत का दावा किया | इस दौरान राज्यपाल रमेश बैस ने सोरेन की विधायकी रद्द होने सम्बन्धी मामले में चुप्पी साधे रखी | उन्होंने ना तो मीडिया में और ना ही राज भवन में इस बाबत अपना मुँह खोला |
बल्कि सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द होने सम्बन्धी चुनाव आयोग की सिफारिशों वाली खबर प्रेस मीडिया में छाए रहने और मुख्यमंत्री सोरेन सरकार की भागम-भाग के बीच राज्यपाल रमेश बैस कई बार रांची से दिल्ली के लिए उड़ान भरते रहे | इधर उनकी आवाजाही से चुनाव आयोग की सिफारिश वाली कार्यवाही को लेकर मंत्रालय में खलबली मची रही | हफ्ते भर से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद राज्यपाल बैस ने अपने पत्ते नहीं खोले | आख़िरकार मुख्यमंत्री सोरेन ने बहुमत साबित कर समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया | इस बार भी राज्यपाल रमेश बैस सरकार के बहुमत पेश करने और चुनाव आयोग के पत्र को लेकर मौन साधे रहे | राजभवन की ओर से महीने भर बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो फिर एक बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बैचेनी बढ़ गई है |
एक बार फिर “शेर आया शेर आया” वाली कहावत की तर्ज़ पर वे हड़बड़ाए हुए है | बताया जाता है कि आज वे आनन फानन में राजभवन पहुंचे | मुख्यमंत्री ने राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर चुनाव आयोग का वो सिफारिशी पत्र माँगा जिसके चलते झारखण्ड से लेकर रायपुर तक बवाल मचा हुआ है | सोरेन ने आयोग वाली एक कॉपी उन्हें भी उपलब्ध कराने की और जल्द से जल्द फैसला करने की अपील की है | उन्होंने गवर्नर साहब को बताया कि राज्य में जारी राजनीतिक अनिश्चितता पर स्टैंड क्लीयर करने की मांग को लेकर उनका जेएमएम-कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इससे पहले भी उनसे मिल चुका है |विधायक गुहार लगा रहे है कि गवर्नर साहब कुछ तो बोलो ,हमारा जीना खाना और कामकाज आपकी चुप्पी ने हराम कर दिया है | फिर भी राज्यपाल मौन रहे | अब उनके मौन व्रत से फिर सोरेन सरकार की धड़कने तेज हो गई है |
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि, ”आज राजभवन में माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस जी से मुलाकात कर राज्य में विगत तीन सप्ताह से अधिक समय से उत्पन्न अनापेक्षित और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों की अनिश्चितता को दूर करने हेतु पत्र सौंपा जिससे इस भ्रम की स्थिति में भाजपा द्वारा किये जा रहे अनैतिक प्रयास से उसे रोका जा सके | इस कवायत के बीच दिलचस्प खबर यह है कि गवर्नर -सीएम मुलाकात के दौरान आज भी रमेश बैस चुप रहे | मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मनुहार के बावजूद उन्होंने संकेत के रूप में सिर तक नहीं हिलाया | उधर राजभवन से बाहर आते ही मुख्यमंत्री सोरेन का चेहरा देखने लायक था | चेहरे पर इसी तरह का तनाव नजर आया कि आखिर चल क्या रहा है ? उनकी सरकार बचेगी या जाएगी |