दिल्लीः आयकर विभाग द्वारा पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) और उनसे जुड़ी संस्थाओं, ऑपरेटरों और अन्य के खिलाफ एक समन्वित कार्रवाई शुरू की गई है। देशभर में जारी इस कार्यवाही के तहत आयकर विभाग ने पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कर चोरी के मामले में छापेमारी की है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कई दल ब्लैकमनी को वाइट में तब्दील करने का काम कर रहे थे |
सूत्रों के अनुसार इन सभी राजनीतिक दलों पर संदिग्ध फंडिंग जुटाने के बाद कर चोरी करने का चिटठा आयकर को मिला था | बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
छत्तीसगढ़ ,गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में आयकर विभाग अभियान चला रहा है। आयकर विभाग द्वारा पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) और उनसे जुड़ी संस्थाओं, ऑपरेटरों और अन्य के खिलाफ एक समन्वित कार्रवाई से इसे जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग (ईसी) की सिफारिश पर आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है | चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि वह 2,100 से अधिक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था, जो नियमों और चुनावी कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे। इसके तहत ये सभी राजनीतिक दल मौद्रिक योगदान दाखिल करने से संबंधित, उनके पते और पदाधिकारियों के नाम को अपडेट करने में विफल रहे थे। इनमें से कुछ पार्टियां गंभीर वित्तीय अनियमितता में लिप्त थीं। भौतिक सत्यापन के दौरान गैर-मौजूद पाए जाने के बाद 87 संस्थाओं को आरयूपीपी की सूची से हटा दिया गया था।