रायपुर/रायगढ़। छत्तीसगढ़ में आईपीएस अधिकारियों के हाल ही में हुए तबादलों में रायगढ़ के पूर्व एसपी पी. सदानंद चर्चा में है। दरअसल खुद का ट्रांसफर होने की पूर्व संध्या पर एसपी साहब ने थोक के भाव कई थानों के प्रभारी बदल दिए। ऐसी ट्रांसफर लिस्ट अब विवादों से घिरी बताई जा रही है। बताया जाता है कि अब नए पुलिस अधीक्षक तमाम जिलों में तैनात हो गए है, लिहाजा वे पूर्व एसपी द्वारा जारी तबादला सूची को कितना अमल में लाएंगे? चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह भी बताते है कि नए एसपी अपने स्वविवेक से थानेदारों का आंकलन कर रहे है। माना जा रहा है कि ज्यादातर पुलिस अधीक्षक नए सिरे से थानेदारों को इधर से उधर करेंगे। ऐसे में उन थानेदारों की मुसीबत बढ़ गई है, जिन्होंने पूर्व एसपी से गुहार लगाकर मनचाहा थाना प्राप्त कर लिया था। सूत्र बताते है कि कई चर्चित थानेदारों ने मोटा लेन-देन कर अपनी कुर्सी बचा ली थी। ऐसे थानेदार उन इलाकों के बताए जाते है, जो थाने कमाई के मामले में जिले में अव्वल हैं।
पुलिस सूत्र बताते है कि तमाम जिलों में कुछ चिन्हांकित थानों में तैनाती को लेकर थानेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा भी होती है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में थानेदारों के स्थानांतरण की इस सूची को लेकर महकमे में बवाल मचा है। थानेदारों की यह सूची उस दिन जारी बताई जाती है, जिस दिन खुद एसपी साहब रायगढ़ से अन्यत्र जिले में स्थानांतरित हो गए थे। बताते हैं कि नए जिले में रवाना होने से पहले एसपी साहब ने बैक डेट में दर्जनों थानेदारों के तबादले कर दिए थे।
पूर्व एसपी साहब ने जो तबादला सूची जारी की है, उसे लेकर संषय की स्थिति निर्मित हो गई है। दरअसल इस स्थानांतरण सूची जारी होते ही दिव्यांग पटेल ने रायगढ़ के नए पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया था। ऐसे में वो पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी स्थानांतरण सूची को कितना महत्व देंगे इसे लेकर कयासों का दौर जारी है।
राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पहली सूची में 88 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। इस सूची के जारी होने के लगभग डेढ़ माह बाद आईपीएस अधिकारियों की दूसरी तबादला सूची सामने आई थी। आमतौर पर चलाचली की बेला में ट्रांसफर नहीं किए जाते, अर्थात बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर सेे पूर्व उनके द्वारा अधिनस्थों के ट्रांसफर किए जाने की परंपरा नहीं है। ऐसे में रायगढ़ के पूर्व एसपी पी. सदानंद की तबादला सूची विवादों में घिरी बताई जा रही है। हालांकि न्यूज टूडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए पी. सदानंद ने कहा कि यह तबादला सूची कानून संवद है, जिन्हें मनचाही पोस्टिंग नहीं मिली, वे ही उंगलियां उठा रहे है।