छत्तीसगढ़ में भी CAA के समर्थन में रैलियों का दौर , राजनांदगांव में हजारों लोग सड़को पर उतरे , कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप   

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मनोज सिंग चन्देल 

राजनांदगांव / छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में अब नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरने लगे है | हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रहा है | इस प्रदर्शन में बीजेपी , आरएसएस समेत कई सामाजिक संगठन हिस्सा ले रहे है | प्रदर्शन के दौरान तमाम वक्ता कांग्रेस पर देश की जनता खासकर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगा रहे है | उनकी दलील है कि कांग्रेस अब देश में दंगा कराने में आमदा है |  राजनांदगांव में बड़ी तादाद में लोग सड़को पर उतरे और उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल के समर्थन में रैलियां निकाली ।

 राजनंदगांव में  इस बिल के पक्ष में तिरंगा यात्रा निकाली गई और इस अधिनियम को भारत के नागरिकों के हित में बताया गया। सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर लोगों में तरह-तरह के सवाल हैं | इन रैलियों में इन्ही सवालों का जवाब दिया जा रहा है |  नागरिकता संशोधन कानून को केंद्र सरकार का एक बेहतर कदम बताते हुए राजनांदगांव शहर में इस अधिनियम के पक्ष में तिरंगा यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए इस अधिनियम को भारत के नागरिकों के पक्ष में बताया। इस दौरान यात्रा में शामिल राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने कहा कि इस बिल के आने से भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे हैं प्रताड़ित लोगों को राहत मिलेगी।

https://youtu.be/xDB-IHniZU8

तिरंगा यात्रा राजनांदगांव शहर के म्यूनिस्पल स्कूल मैदान से निकाली गई। इस यात्रा में सभी आयु वर्ग के महिला और पुरूष हाथों में भारत की आन-बान और शान का प्रतीक तिरंगा लेकर शामिल हुए। रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरी। रैली का समापन शहर के जय स्तंभ चैक में आयोजित एक सभा के साथ किया गया। इस दौरान इस बिल के पक्ष में लोग तख्ती भी लेकर चल रहे थे। नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में बंटवारे के दौरान भारत छोड़कर गए गैर मुस्लिमों को वापस भारत में नागरिकता देने की बात कही गई है। नागरिकता संशोधन अधिनियम बीते 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था, जिसके पक्ष में 125 वोट मिले थे वहीं 105 इस बिल के विरुद्ध में थे। नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को बीते 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के द्वारा मंजूरी दी गई है।