छत्तीसगढ़ में ईडी के आरोपी बने सरकार के दुश्मन,अग्रिम जमानत पर रिहा प्रभावशील अधिकारी के कारनामो से होने लगी ईडी की जांच प्रभावित,हालिया छापो पर नोटिस जारी…?

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED की जांच बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उसकी इस जांच को वही आरोपी प्रभावित कर रहे है,जो अग्रिम जमानत पर रिहा होकर सरकार के मंसूबो पर पानी फेरने के लिए अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे है। बताते है कि IT हो या ED दोनों की छापेमारी की सूचना घंटो पहले संदेहियों को मिल जाती है। नतीजतन संदेहियों के ठिकानो से ED को आशानुरूप कामयाबी नहीं मिल पाती। यही नहीं कोल खनन घोटाला हो या फिर भ्रष्टाचार के अन्य मामलो की जाँच,केंद्रीय एजेंसियों को राज्य सरकार के महकमों से दो-चार होना पड़ रहा है।

बताते है कि सरकार के करीबी अफसरों और कारोबारियों द्वारा बड़े पैमाने पर वसूली जा रही लेव्ही के मामलों की जाँच आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित की जा रही है। इसका मकसद भी एजेंसियों को साफ़ नजर आ रहा है। सूत्रों का दावा है कि सुपर सीएम नंबर-टू के नाम से चर्चित ऐ.टी.नामक शख्स ED-IT की कार्यवाहियों को प्रभावित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। ख़बरों के मुताबिक IT-ED की विवेचना को पंचर करने के लिए ED के आरोपियों की कवायद प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

सूत्रों के मुताबिक सुपर सीएम नंबर-टू के द्वारा कई कारोबारियों को ED के खिलाफ झूठा शपथ पत्र पेश करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।बताया जाता है कि कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी और सुपर सीएम नंबर-वन सौम्या चौरसिया के खिलाफ ED को बयान दर्ज कराने वाले कारोबारियों को परेशान किए जाने के मामले सामने आ रहे है। जानकारी के मुताबिक कई ऐसे कारोबारियों को उनका कारोबार ख़त्म करने की धमकी दी जा रही है,जिन्होंने ED के समक्ष स्वीकार किया है कि वे इस गिरोह को 25 रूपए टन की दर से अवैध रूप से लेव्ही की रकम दिया करते थे।

सूत्रों का दावा है कि ED ने पुख्ता सबूत हासिल करने के बाद कई कारोबारियों से सच उगलवाया था। बताते है कि ऐसे ही कुछ कारोबारियों को हकीकत बयां करने पर अब कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ रहा है। बताते है कि जेल में बंद आरोपियों की ओर से सीधे तौर पर जांच प्रभावित करने के लिए लगातार हाथ-पैर मारा जा रहा है। इसके लिए ऐसे आरोपी मोर्चा संभाले हुए है जो खुद ED-IT के आरोपी है। इनमे से कुछ अग्रिम जमानत के प्रावधानों का उल्लंघन कर अपने पद और प्रभाव का बेजा इस्तेमाल कर रहे है।

बताया जाता है कि ED की कार्यवाही को विवादित बनाने के लिए दागी अफसरों की टीम जोर-शोर से जुटी हुई है। इसके लिए ED के गवाहों को प्रभावित किए जाने की ख़बरें सामने आ रही है। इसके मुताबिक कई गवाहों ने ED को अपनी परेशानियों से रूबरू कराया है। ख़बरों के मुताबिक ED-IT का एक चर्चित आरोपी उन पर लगातार दबाव बना रहा है,ताकि वे ऐसा शपथपत्र उसे सौंप सके,जिसमे यह कथन किया जाए कि उन्होंने ED को पूर्व में दिए बयान में दबाव पूर्वक सौम्या चौरसिया गिरोह को कोयले पर 25 रूपए टन लेव्ही देना स्वीकारा था।खबरों के मुताबिक नाफरमानी करने वाले ऐसे कुछ कारोबारियों को फर्जी मामलो में फंसाने और प्रदुषण नियंत्रण मंडल,जीएसटी समेत अन्य महकमों से नोटिस जारी करवाने की धमकी दी जा रही है।

बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया गिरोह की धमकियों से उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।बताते है कि उन कारोबारियों के लिए भी एक ओर खाई तो दूसरी ओर कुआँ जैसी परिस्थियाँ निर्मित हो गई है,जिन्होंने सूर्यकांत तिवारी को रेंज रोवर,मर्सिडीज़ और बीएमडब्लू जैसी कंपनियों की डेढ़ से दो करोड़ कीमत वाली कार गिफ्ट की थी। जानकारी के मुताबिक सौम्या चौरसिया गिरोह की हकीकत बयां करने वाले कारोबारी अपनी परेशानियों को लेकर अदालत के रुख का इंतज़ार कर रहे है।

बताते है कि ED के आरोपियों के कानूनी दांव पेंचो और मामलो के जल्द निपटारे के बजाए तारीख पे तारीख मिलने से राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें तेजी से फल फूल रही है। ED के आरोपियों के हौसले इतने बुलंद है कि आम नागरिको का अमन चैन छीन रहा है। बताते है कि ED के आरोपियों ने जेल से भी अपना कारोबार जारी रखा है।वो कोरबा में अटैच की गई कोलवाशरी का संचालन अपने गुर्गो के जरिए कर रहे है। यही हाल उन अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों का बताया जा रहा है जो सत्ता के करीब रहकर सौम्या चौरसिया के जेल से जारी फरमानो को अमलीजामा पहनाने में जुटे है।

सूत्रों का दावा है कि जेल से बाहर रह रहे प्रभावशील आरोपियों ने ED के खिलाफ बड़ी साजिश रची है। ये गिरोह कई गवाहों को प्रभावित कर ED की कार्यवाही को विवादित बनाना चाहता है। ताकि हाई कोर्ट में सौम्या चौरसिया,सूर्यकांत तिवारी,समीर विश्नोई,लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल की जमानत आसानी से हो सके। बताया जाता है कि निचली अदालतों से आरोपियों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में आरोपियों को हाई कोर्ट से काफी उम्मीदे है। खबरों में कहा जा रहा है कि जेल में निरुद्ध आरोपियों को कई तरह की सुख सुविधाएं मुहैया हो रही है। हालाँकि ऐसी खबरों की हकीकत जानने के लिए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने जेल विभाग का रुख किया। लेकिन ED के आरोपियों की जानकारी देने के मामले में जेल अधिकारियों ने परहेज किया। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में शुक्रवार सुबह से जारी ED की छापेमारी अब समाप्ति की ओर बताई जा रही है।

बताते है कि ज्यादातर ठिकानो से ED की टीम वापस लौट गई है। छापे की जद में आए कुछ कारोबारियों और अधिकारियों को नोटिस दिए जाने की खबर है। गौरतलब है कि ED ने सौम्या चौरसिया के कोरबा,रायपुर,भिलाई,बिलासपुर और रांची में कई रिश्तेदारों और कारोबारियों के ठिकानों में छापेमारी की थी।जानकारी के मुताबिक छापेमारी में बरामदगी को लेकर ED की ओर से आधिकारिक रूप से अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालाँकि न्यूज़ टुडे से चर्चा के दौरान ED के कुछ अफसरों ने दबी जुबान से स्वीकार किया की उसके कई गवाह परेशान है। लेकिन अफसरों ने जांच का हवाला देते हुए इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया।