छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना के प्रचार- प्रसार से प्रभावित होकर खोखली माओवादी विचार धारा एवं शोषण को गुड बाय कर दो नक्सलीयों ने किया आत्मसमर्पण

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रिपोर्टर – रफीक खांन

सुकमा / अत्याचार भेदभाव एवं हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन के दो नक्सली सदस्यों ने अपना आत्मसमर्पण कर दिया है । कवासी भीमें निवासी पोलमपल्ली क्षेत्र (केएएमएस अध्यक्ष, पूर्व जनताना सरकार अध्यक्ष अरलमपल्ली आरपीसी, ईनामी 01 लाख रूपये), 02. सोमारू धुरवा निवासी माथली क्षेत्र (डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनामी 01 लाख रूपये) के द्वारा नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में कमांडेण्ट 2 री वाहनी कैम्प मुख्यालय सुकमा ताशी ज्ञालिक सिद्धार्थ तिवारी अति.

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पुलिस अधीक्षक सुकमा रवि राणा टूआईसी वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसमर्पित महिला नक्सली कवासी भीमें पोलमपल्ली क्षेत्र को वर्ष 2006 में वेट्टी रामा पूर्व आत्मसमर्पण नक्सली लीडर के द्वारा नक्सली संगठन में शामिल किया गया था। नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद वर्ष 2006 से 2012 तक केएएमएस सदस्य के पद पर कार्यरत रही । उसके बाद वर्ष 2013 से 2016 तक कोंटा एरिया कमेटी अंतर्गत कार्यरत अरलमपल्ली पंचायत जनताना सरकार अध्यक्ष कार्यरत रही। तत्पश्चात स्वास्थूगत समस्या के कारण जनताना सरकार की जिम्मेदारी अन्य संगठन सदस्य को दिया गया । बाद पुनः स्वास्थूय लाभ होने पर अरलमपल्ली पंचायत में केएएमएस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिया गया । भीमें संगठन में शामिल होने के बाद क्षेत्र में सक्रिय रूप विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल रही।

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इसी प्रकार आत्मसमर्पित सोमारु धुरवा निवासी माथली क्षेत्र को वर्ष 2015 में कांगेर घाटी एरिया कमेटी अंतर्गत कार्यरत महिला नक्सली कमांडर मुन्नी के द्वारा नक्सली संगठन में डीएकेएमएस सदस्य के पद पर भर्ती किया गया था।उसके बाद वर्ष 2017 में ग्राम स्तर पर डीएकेएमएस अध्यक्ष बनाया गया । नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत रहा। इस दौरान महुपदर के पास रोड निर्माण में लगे 3 वाहनों को आग लगाने की घटना में शामिल रहा। इनके अतिरिक्त क्षेत्र में कार्यरत नक्सली कमांडर के कहने पर कई नक्सली गतिविधियों में शामिल रहा। सोमारू को आत्मसमर्पण कराने में कमांडेण्ट 2 री वाहनी सीआरपीएफ के दिशानिर्देश पर उनके इन्टेलीजेंस टीम का विशेष सहयोग रहा। उक्त आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान किया जायेगा ।