ओपीडी खोलने के आदेश को मानने से आईएमए का इनकार, कहा- इससे खतरा बढ़ेगा , छत्तीसगढ़ सरकार ने निजी अस्पताल और नर्सिंग होम को ओपीडी खोलने के जारी किये थे दिशा निर्देश

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रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को निजी अस्पताल और नर्सिंग होम को ओपीडी खोलने के दिशा निर्देश जारी किए थे। जैसे ही यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और हॉस्पिटल बोर्ड तक पहुंचा, तो पदाधिकारियों ने इसका विरोध करना शुरू दिया। उनका तर्क था कि अगर ओपीडी खुलेगी तो भीड़ बढ़ेगी। मरीजों के साथ-साथ उनके अटेंडर भी आएंगे। न जाने कौन संक्रमित होगा? इसे डॉक्टर, स्टॉफ और आने वाले मरीजों को भी खतरा होगा। विरोध बढ़ता देख, 12 घंटे के अंदर ही सोमवार को स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ ने आईएमए के पदाधिकारियों को चर्चा के लिए बुला लिया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी मौजूद थे। आईएमए प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कर दिया कि मौजूदा हालात में ओपीडी नहीं खोलेंगे। आपातकालीन सेवा जारी है और जारी रहेगी। 

बीते रविवार रविवार को स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को इलाज नहीं मिलने का हवाला देते हुए ओपीडी खोलने कहा था। सोमवार को कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में हुई बैठक में स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह और सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान आईएमए प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेश सिन्हा, हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता, डॉ अनिल जैन, डॉक्टर ललित शाह और डॉ आशा जैन ने डॉक्टरों का पक्ष रखा। इन्होंने कहा, स्टाफ की कमी है। मरीजों की जांच के समय जरूरी सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क और पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) किट भी नहीं है।

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आईएमए का आरोप है कि बिना चर्चा के ऐसा आदेश निकालना पूरी तरह से अनुचित है | स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इलाज प्रभावित न हो, इसका ध्यान रखा जाए।स्वास्थ्य विभाग ने अपने पत्र में लिखा था ,सर्दी, जुखाम, खांसी के मरीजों के लिए अलग ओपीडी हो। आने-जाने के रास्ते अलग हों। आईएमए ने कहा यह मुमकिन नहीं है। आईएमए ने इस दौरान कोरबा का हवाला दिया, जहां एक संक्रमित महिला अपनी ननद की डिलीवरी के दौरान अस्पताल में मौजूद रही। जिसके बाद अस्पताल सील कर दिया गया। डॉक्टर, स्टाफ को क्वारंटाइन में भेज दिया गया। इनकी तरफ से कहा गया है कि राज्य स्वास्थ्य विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करे।

आईएमए छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा का कहना है कि आईएमए ने आपातकालीन सेवाओं से इनकार नहीं किया है, वे जारी हैं। हां, अगर रूटीन ओपीडी खोलना यानी खतरे को निमंत्रण देना है। ये बंद रहेंगी। स्वास्थ्य सेवाएं संचालक नीरज बंसोड़ का कहना है कि आईएमए ने रूटीन ओपीडी को लेकर बात रखी है। विभाग ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहा है, ताकि मरीजों को कोई भी परेशानी न आए।