दिल्ली (वेब डेस्क):- इन दिनों बगैर सोचे समझे कई लोग पैरासिटामोल की गोली खा रहे हैं. खासतौर पर कोरोना महामारी के दौर में पैरासिटामोल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. लेकिन एक रिसर्च में इसका साइड इफेक्ट सामने आया है. रिसर्च से पता चला कि इसका ज्यादा इस्तेमाल जान जोखिम में डाल सकता है. इसके रोजाना इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है.रिसर्च में शामिल एक्सपर्ट्स ने हिदायत दी है कि हर्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम वाले लोगों को पैरासिटामोल लेते वक्त डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए अन्यथा ऐसे मरीजों को मुसीबत गले पड़ सकती है.
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों पर पैरासिटामोल के इस्तेमाल पर रिसर्च किया है.रिसर्च में हाई ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री वाले 110 रोगियों को शामिल किया गया था.इन मरीजों को दो सप्ताह तक पैरासिटामोल की टैबलेट दिन में चार बार दी गई. चार दिन बाद जब जांच की गई तो इन रोगियों का ब्लड प्रेशर काफी बढ़ गया था. ब्लड प्रेशर हाई होने की वजह से इन मरीजों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 20 प्रतिशत तक बढ़ गई थी.यह रिसर्च ब्रिटेन के लोगों पर किया गया है.
जानकारी के मुताबिक़ ब्रिटेन में लगभग 10 में से एक व्यक्ति पुराने दर्द के लिए रोजाना पैरासिटामोल की खुराक लेता है. गौर करने वाली बात यह है कि ब्रिटेन में लगभग तीन वयस्कों में से एक वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है.एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड वेब ने बताया कि अभी तक पैरासिटामोल को एक सेफ दवा के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन इस रिसर्च के बाद हम यही कहेंगे कि हर्ट अटैक के जोखिम वाले रोगियों को पैरासिटामोल से दूरी बना लेनी चाहिए. उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह करेंगे कि वे पैरासिटामोल की उतनी ही खुराक दें जितने की आवश्यकता हो.
एनएचएस लोथियन में क्लिनिकल फार्माकोलॉजी और नेफ्रोलॉजी में सलाहकार लीड जांचकर्ता डॉ इयान मैकइंटायर ने कहा, ‘सिरदर्द या बुखार के लिए पैरासिटामोल का कभी-कभी इस्तेमाल ठीक है. लेकिन जो लोग आमतौर पर पुराने दर्द के लिए इसे लंबे समय तक नियमित रूप से लेते आ रहे हैं उनके रिस्क ज्यादा है.’ एक्सपर्ट्स ने कहा कि रिसर्च में पाया गया है कि जब लोगों ने पैरासिटामोल लेना बंद कर दिया, तो उनका ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो गया. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि डॉक्टर नियमित रूप से पैरासिटामोल लेने वाले मरीजों को इसके रिस्क के बारे में जरूर बताएं.
इधर भारत में पैरासिटामोल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है कोरोनाकाल में कई लोगों ने रोजाना इसे खाकर कोरोना से बचाव का रास्ता अपनाया था. इसके गैरज़रूरी इस्तेमाल के चलन से पैरासिटामोल की खूब बिक्री हुई. लेकिन इसके साइड इफेक्ट का कोई आंकलन नहीं किया गया. अब इस रिसर्च के सामने आने के बाद लोगों को इसके इस्तेमाल से पूर्व डाक्टरी सलाह लेने से नहीं चूकना चाहिए.