बरेली. बरेली की एडीजीसी कोर्ट ने 1 साल के अंदर हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. जज तबरेज अहमद खान की कोर्ट ने ज्योति और प्रेमी अब्बास को उम्रकैद की सजा और 40 हजार का जुर्माना लगाया। पूरा मामला एक साल पहले सुभाषनगर थाना क्षेत्र में वैष्णोधाम कॉलोनी का है. पूरे मामले में 7 साल की बच्ची की गवाही को कोर्ट ने सबूत मानते हुए अपना फैसला दिया है.
जनपद बरेली के चर्चित वैष्णो धाम कॉलोनी में 2 जून 2022 को संजय की हत्या करने के मामले में बरेली कोर्ट ने 1 साल के अंदर अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने इस मामले में संजय की हत्या में उसकी पत्नी ज्योति और प्रेमी अब्बास को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 40000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. दोनों के प्रेम-प्रसंग के बीच में पति रोड़ा बन रहा था. जिसके कारण इस घटना को अंजाम दिया गया. इस मामले में 7 साल की बच्ची निशी ने पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा था. पहले खाने में नशे की गोली उसकी मां ज्योति ने डाल दी, जिसके बाद पति बेहोश हो गया और फिर ज्योति व प्रेमी ने चुनरी से गला घोट कर मौत के घाट उतार दिया था. बच्ची ने अपने ताऊ को पूरी घटना बता दी थी. वहीं मृतक संजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में और शरीर पर चोटों के निशान पाए गए थे.
पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए प्रेमी अब्बास और प्रेमिका ज्योति को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया था. 7 साल की बच्ची निशी पूरी घटना को बताते हुए सहम जाती है. वहीं इस मामले पर बच्ची की ताई कुसुम का कहना है कि देवर की हत्या में दोनों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. अब बच्ची हम लोगों के पास जी रह रही है. कोर्ट में सात गवाहों ने गवाही दी थी, मगर मासूम बेटी ने भी कोर्ट में न्यायाधीश को पूरी घटना को बताया था.
मृतक संजय अपनी पत्नी व बच्चों के साथ वैष्णोधाम कॉलोनी में किराए पर रहता था. वह परिवार के जीवन यापन के लिए गाड़ी चलाता था. घर से बाहर रहने के दौरान संजय की पत्नी ज्योति प्रेमी अब्बास को घर पर बुला लेती थी. मासूम बच्चे ने अपनी मां को अब्बास के साथ देखा तो पिता को पूरी बात बता दी. संजय इस बात का विरोध करता था. इसी के बाद ज्योति ने प्रेम संबंधों में अवरोध पैदा करने के कारण प्रेमी संग मिलकर संजय की हत्या की योजना बना डाली। 2 जून 2022 को ज्योति ने संजय के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं. फिर प्रेमी अब्बास को फोन करके बुला लिया. दोनों ने मिलकर पहले संजय का दुपट्टे से गला घोंटा.
संजय बेहोशी की हालत में तड़पा, तभी अब्बास ने लकड़ी की फंटी से संजय के सिर पर कई वार किए जिससे उनकी मृत्यु हो गई. मासूम बच्ची ने खिड़की से देखा और सहम गई. ज्योति ने अपने नंदोई को फोन करके बताया कि संजय की हालत खराब है. फोन करने के बाद अब्बास और ज्योति घर से निकल गए. सरकारी वकील सचिन जायसवाल ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग की थी. ज्योति वारदात से छह महीने पहले अब्बास के साथ घर छोड़कर चली गई थी, जिसकी रिपोर्ट संजय ने थाना कोतवाली में दर्ज कराई थी. बाद में ज्योति की गवाही पर मुकदमा छूट गया, जिसके बाद ज्योति और अब्बास की दोस्ती और गहरी हो गई.