पति पत्नी ने अपनी पारिवारिक मित्र और उसके बेटे को उतारा मौत के घाट, क्राइम पेट्रोल के दो सौ एपिसोड देख कर रची साजिश, पुलिस ने अपने तरीके से उगलवाया सच, आरोपी गिरफ्तार  

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दिल्ली वेब डेस्क / दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच एक अंधे क़त्ल को लेकर कई घंटों परेशान रही | लेकिन जब एक शख्स के मोबाइल में उसने क्राइम पेट्रोल के पूरे दो सौ एपिसोड देखे तो उसकी निगाहे कातिल की और टिक गई | यह शख्स और कोई नहीं बल्कि वो फ़रियादी था | जो अपनी मित्र और उसके बेटे की हत्या को लेकर घड़ियाली आँशु बहा रहा था | 

दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिला पुलिस ने जहांगीरपुरी में हुई मां-बेटे की हत्या की वारदात को सुलझाते हुए पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक दोनों ने वारदात को अंजाम देने के लिए यूट्यूब पर क्राइम पेट्रोल के दो सौ से अधिक एपिसोड देखे थे। उन्होंने करीब एक माह की तैयारी के बाद लूटपाट के इरादे से इस हत्या कांड को अंजाम दिया था।  डीसीपी विजयंता आर्या ने बताया कि 21 जनवरी को जहांगीरपुरी के एफ ब्लॉक स्थित एक फ्लैट का ताला तोड़कर पुलिस ने मां-बेटे का शव बरामद किया था। इस फ्लेट में मृतका 35 साल की पूजा अपने 12 साल के बेटे के साथ रह रही थी | अज्ञात शख्स ने दोनों की हत्या कर दी थी। एफआईआर दर्ज कर इंस्पेक्टर वरुण दलाल की टीम ने मौका ए वारदात का जायजा लिया | उन्होंने जांच में मृतका के कमरे से मोबाइल फोन और गहने आदि गायब पाए। यहां तक कि शव पर भी कपड़े नहीं मिले थे।


पुलिस टीम ने सबूत जुटाने के लिए इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगालनी शुरू की। कई नंबर खंगालने के बाद कांस्टेबल सोमवीर को दो मोबाईल नंबर संदिग्ध मिले। जांच में पाया गया कि एक नंबर मीनू का और दूसरा उसके पति प्रदीप का था। ये दोनों मोबाइल नंबर घटना वाले दिन मृतक पूजा के फोन नंबर के साथ ही बंद हो गए थे। इस बीच एएसआई ऋषि यादव को वो फुटेज मिली जिसमें प्रदीप घटना वाले दिन इलाके में ही नजर आ रहा था। इस सबूत के आधार पर प्रदीप व मीनू को पुलिस ने दोबारा हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा राज खुल गया। मीनू ने बताया कि उसने लूटपाट की नीयत से हत्या की थी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर लूटे गए गहने और खून से सना कपड़ा आदि बरामद कर लिया है। 


रोहतक निवासी मीनू ने बताया कि उसका पति प्रदीप तबीयत खराब होने की वजह से काम करने में असमर्थ था। इसलिए वह मृतक के घर जहांगीरपुरी में काम करने आती थी। करीब एक साल पहले एक एनजीओ के जरिए उसकी मुलाकात मृतक पूजा से हुई थी । दरअसल, पूजा एचआईवी संक्रमण रोकने वाली संस्था के साथ काम करती थी जो देह व्यापार में लिप्त महिलाओं में जागरूकता फैलाती थी। इसी एनजीओ में दोनों की मुलाकात हुई थी। बताया जाता है कि पूजा ने 16 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदने की तैयारी की थी | इसके लिए उसने दिसंबर में छह लाख रुपये दे भी दिए थे। बीते माह यह बात मीनू को मालूम हो गई थी। बस उसने पति के साथ मिलकर पूजा और उसके बेटे हत्या की साजिश रच डाली।पुलिस को मीनू के स्मार्ट फोन में क्राइम पेट्रोल के दो सौ एपिसोड मिले। दोनों आरोपियों ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए क्राइम पेट्रोल देखा था। इसके बाद साजिश रची। 

15 जनवरी को जब मीनू को मालूम हुआ कि पूजा की नौकरानी काम पर नहीं आएगी तो उसने अगले दिन प्रदीप को जहांगीरपुरी बुला लिया। शाम होने पर प्रदीप फ्लैट में आया और फिर बातचीत के दौरान ही उसने पूजा की पीठ में छूरा भोंककर हत्या कर दी। जब वे सामान लेकर निकल रहे थे तभी हर्षित ने उन्हें देख लिया। फिर दोनों ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया।