सुनील नामदेव दिल्ली / रायपुर: दो हजार की नोटबंदी उन लोगो पर भारी गुजर सकती है,जो भारत सरकार के दिशा निर्देशों और RBI की गाइडलाइन के उल्लंघन के दायरे में पाए जाएंगे। ऐसे बैंको और बैंक अधिकारियो के अलावा काले कारोबार में लिप्त लोगो पर केंद्र की नजर है,जिन्होंने नोटबंदी 2016 में RBI के प्रयासों को आपदा में अवसर मानकर “वन टू का फोर” और “फोर टू का वन” किया था।
काले कारोबार के जानकार बता रहे है कि मात्र 2 लाख खपाने के लिए अबकी बार 10 आदमी लगेंगे। लेकिन उनके खातों में 20 हजार की नगदी का जमा होने वाला दुसरा दौर,आयकर समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी में रहेगा।
जानकार तस्दीक कर रहे है कि अबकी बार फिर मोदी सरकार,उनके मुताबिक इस बार 2 लाख खपाने में 10 आदमी,इसी तर्ज पर अंदाज़ा लगा सकते है कि काली कमाई वाले किस मुश्किल दौर से गुजरने वाले है।
गुणा भाग किया जाए तो ब्लैक मनी खपाने में 20 हजार प्रति व्यक्ति की दर पर कारोबारी राय जाहिर कर रहे है कि 20 लाख खपाने में 100 आदमी,2 करोड़ के लिए 1000 आदमी जबकि 20 करोड़ खपाने के लिए 10 हजार आदमियों की जरुरत पड़ेगी।
देश में सर्वाधिक ब्लैकमनी का उत्पादन छत्तीसगढ़ में ही हो रहा है,भारत सरकार की कई एजेंसियां तस्दीक कर रही है कि अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारियो और उद्योगपतियों के अलावा गिने चुने राजनेताओ के ठिकानो में ही 2 हजार के नोटों की गुलाबी बारिश हुई है।
अब उसे ठिकाने लगाने की जारी जद्दोजहद में 2 हजार नोट रूपी आकूत धन-दौलत देख कर कई लोगो को भरी गर्मी के बीच गुलाबी ठण्ड का एहसास हो रहा है।
जानकारों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ की आबादी की तुलना में ब्लैक मनी खपाने का स्तर इस बार CCTV कैमरों में भी आंका जा रहा है। खातों में जमा होने वाली रकम और पैन नंबरों पर भी खुफिया निगाहे लगाईं गई है।
ऐसे में छत्तीसगढ़ में 30 सितम्बर 2023 की अवधि तक बैंको की महामारी-माहवारी दोनों पर ग्राहकों की नजरो के अलावा भारत सरकार की निगाहें चौबीसो घंटे,लगी रहेगी। भारत सरकार के जिम्मेदार अधिकारी यही दावा कर रहे है।