Odisha Train Tragedy: पटरी से कैसे उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस? सिग्नल की गलती या कुछ और.., ट्रैफिक चार्ट से जानें किस ट्रैक पर थी कौन सी ट्रेन

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भुवनेश्वर : Odisha Train Tragedy: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को 3 ट्रेनों के टकराने से हुए भीषण हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, वहीं इसमें 800 से अधिक यात्री घायल हुए हैं. इस हादसे को सबसे भीषण रेल हादसों में से एक माना जा रहा है. इसमें शुक्रवार शाम सबसे पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई और इसके बाद पीछे से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी. इस हादसे की जांच में कई ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं जो चौंकाने वाली हैं. रेल ट्रैफिक चार्ट भी सामने आ गया है.

ओडिशा रेल हादसे के बाद रेल मंत्रालय ने इसकी जांच शुरू करा दी है. इस ट्रेन दुर्घटना की मैकेनिकल, ह्यूमन और अन्य सभी एंगल से जांच की जा रही है. तीनों ट्रेनों के पोजिशन और उनके वहां होने के समय से लेकर कई पहलुओं पर विस्तार से पड़ताल की जा रही है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, तीन ट्रेन की टक्कर हुई थी. हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट में रेलवे ट्रैफिक अधिकारियों ने यार्ड लेआउट या डायाग्राम से ये समझाने की कोशिश की है कि शुक्रवार की शाम तीन ट्रेनों की स्थिति क्या थी और उनके बीच टक्कर कैसे और क्यों हुई थी?

हादसे के वक्त का ट्रैफिक चार्ट

क्या सिग्नल सिस्टम फेल होने से हुआ हादसा?
इस हादसे को लेकर सिग्नल सिस्टम फेल होने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. अफसर अभी हादसे की पुख्ता वजह को तलाशने में जुटे हैं. जांच में जुटे रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां पटरी से उतर गई. कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया. कुल 15 बोगियां डीरेल हुईं और कुछ बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं. कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी और ये हादसा और भीषण हो गया.

डायग्राम, जहां हादसा हुआ

बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोचों में मारी टक्कर
रेलवे अधिकारियों के डायाग्राम में बीच वाली लाइन ‘UP Line’ है, जहां शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी. ‘DN Main’ के रूप में चिह्नित दूसरी लाइन पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी. सूत्रों के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतरने के बाद वे बगल की लाइन पर एक मालगाड़ी से टकरा गए. ट्रेन के डिब्बे छिटककर ‘DN Main’ लाइन पर भी गिर गए थे. बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों को टक्कर मार दी.

क्या लूप लाइन पर पहुंच गई थी कोरोमंडन एक्सप्रेस?
जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है तो सवाल भी उठाए जा रहे हैं. बड़ा सवाल यही है कि आगे खड़ी मालगाड़ी में पीछे से कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर कैसे मार दी? कुछ रेलवे विशेषज्ञों ने सवाल किया है कि क्या कोरोमंडल एक्सप्रेस ने ‘लूप लाइन’ के अंदर सीधे मालगाड़ी को टक्कर मारी होगी. हादसे के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें कोरोमंडल एक्सप्रेस के इंजन को मालगाड़ी के ऊपर चढ़े हुए देखा जा सकता है, जो सीधी टक्कर का संकेत देता है. एक ‘लूप लाइन’ मेन रेलवे ट्रैक से विभाजित होती है. कुछ दूरी के बाद यह मुख्य लाइन पर वापस आ जाती है. ये बिजी रेलवे ट्रैक को को मैनेज करने में मदद करते हैं.