हाय- हाय ये मजबूरी, किराये की रकम के बदले शारीरिक संबंध की मांग कर रहे मकान मालिक, कोरोना संकट के चलते आमदनी घटने से किरायेदार नई समस्या में उलझे, कई महिलाओं को मानना पड़ा मकान मालिक का फरमान

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दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना वायरस के कारण आर्थिक संकट ने एक नई समस्या को पैदा कर दिया है | कई लोगों के पास खाने पीने से लेकर रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पैसा नहीं है | ऐसे में किराये के मकानों में रहने वाले कई लोगों पर एक नई मुसीबत टूट पड़ी है | लॉक डाउन और कोरोना संकट के चलते नौकरी जाने के बाद कई लोगों के पास मकान का किराया तक चुकाने के पैसे नहीं बचे हैं | इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं, जहां मकान मालिक किराये पर रहने वाली महिलाओं से किराये की एवज में शारीरिक संबंध बनाने की मांग कर रहे हैं | जानकारी के मुताबिक कई किरायेदारों पर दो से तीन माह तक का किराया बकाया है | ऐसे स्थिति में घर खाली करने के अलावा उनके सामने कोई चारा नहीं है | पहले कई अमेरिकी शहरों से इस तरह की खबरे आ रही थी | लेकिन अब भारत के भी महानगर इससे अछूते नहीं रहे | देश के चार बड़े महानगरों में कई महिलाओं ने ऐसी स्थिति का सामना करने की बात कही है |

उनके सामने समस्या यह है कि वे पुलिस में शिकायत करने से भी परहेज कर रही है | क्योकि मकान मालिक ने इसे जोर जबरदस्ती नहीं लादा है, बल्कि किराया ना देने का विकल्प दिया है | मानना या नहीं मानना उन पर छोड़ दिया गया है | हालाँकि ऐसी खबरे सामने आने के बाद कई महिला संगठनों ने पीड़ित महिलाओं को हिम्मत जुटा कर पुलिस थानों तक पहुँचाने में जोर दिया है | जल्द ही ऐसे लोगों को बेनक़ाब करने का दावा भी किया जा रहा है | एनएफएचए ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि ज्यादातर महिलाएं मकान मालिकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस नहीं दर्ज करवा रही हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने पर प्रॉपर्टी मैनेजर या मकान मालिक उन्हें घर से बेदखल कर देगा | दूसरा, उनकी आर्थिक तंगी से जुड़े भी कुछ कारण हो सकते हैं |

एक जानकारी के मुताबिक एनएफएचए ने भारत के चार बड़े महानगरों में तथ्य जुटाने शुरू किये है, इसमें मुंम्बई, पुणे, दिल्ली और बेंगलुरु शामिल है | जबकि नेशनल फेयर हाउसिंग एलायंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 100 से भी ज्यादा फेयर हाउसिंग ग्रुप्स ने पूरे अमेरिका में लोगों को इस समस्या से जूझते देखा है | इस महामारी के बीच देश में यौन उत्पीड़न के मामले 13% बढ़े हैं |

एक महिला ने एनएफएचए की वेबसाइट पर अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया है कि ‘अगर मैं अपने प्रॉपर्टी मैनेजर के साथ सेक्स करने से इनकार करती तो वो मुझे घर से बाहर निकाल देता | एक सिंगल मदर होने के नाते मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा था | मैं अपना घर नहीं खोना चाहती थी |’ किराये की रकम के बदले सेक्स की मांग करने वाले मामले अब अमेरिका समेत ब्रिटेन में भी जांच के दायरे में आ गए हैं | यहाँ सेक्स के बदले रेंट फ्री एकोमोडेशन की सुविधा के नाम पर बढ़ते ऑनलाइन विज्ञापनों से भी लोग सकते में है |

दरअसल पूरी दुनिया में तेजी से फैले कोरोना वायरस और लॉक डाउन के अलावा यात्रा पर पाबंदी होने के चलते देश विदेश में उद्योग – व्यापार ठप पड़ गया | आय के सभी साधन समाप्त होने के बाद कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है | वे आजीविका के लिए आर्थिक तंगी से लड़ रहे हैं | एनएफएचए के सलाहकार मोर्गन विलियम्स का कहना है कि घर से बाहर ना निकलने के लिए बेबस लोगों के सामने कई बार बड़े कठिन विकल्प बचते हैं | किराए के लिए सेक्स की व्यापकता से जुड़ा डेटा दुर्लभ है | हाउसिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि कानून की समझ न होने के चलते उल्टा मकान मालिकों का शिकार हो रही पीड़ितों पर वैश्यावृति के आरोप लग सकते हैं |

इंग्लैंड के हाउसिंग चैरिटी शेल्टर की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच सालों में प्रॉपर्टी मैनेजर्स ने तकरीबन ढाई लाख महिलाओं को किराया देने की बजाय सेक्स की पेशकश की है | यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाने वाली ब्रिटिश लॉ मेकर वेहा हॉबहाउस का कहना है कि ‘किराये के बदले सेक्स की मांग बढ़ने की संभावना पहले ही थी, क्योंकि लॉकडाउन के वक्त लोगों के पास घर में कैद रहने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था |’ उन्होंने बताया कि ‘महामारी के दौरान पूरे ब्रिटेन में वित्तीय संकट से जूझ रहे लोगों ने इसका अनुभव किया है | किराया चुकाने में असमर्थ लोगों को मजबूरन मकान मालिकों की शर्त स्वीकार करनी पड़ी है |’