दिल्लीः एक बार फिर मानसून अपना रंग दिखाएगा | मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दक्षिण भारत के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD के अलर्ट में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कई जिलों में मूसलाधार बारिश का अनुमान लगाया गया है।हालाँकि अभी भी कई राज्यों में इन दिनों बारिश हो रही है। उत्तर से दक्षिण तक देश के कई राज्यों में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है।
तमिलनाडु के कई जिले बारिश की मार झेल रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग (IMD) की मानें तो तमिलनाडु को बारिश से जल्द राहत मिलती नहीं दिख रही है। बारिश को देखते हुए राज्य के कुछ जिलों में स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषणा कर दी गई है। मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में बताया कि सितंबर महीने में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
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उसने लगभग आधा दर्जन राज्यों में भरी बारिश की चेतावनी दी है | उसके मुताबिक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिससे बारिश की गतिविधियां तेज हुई हैं। IMD के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, माहे, साउथ इंटीरियर कर्नाटक, सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल-सिक्किम और नॉर्थ ईस्ट में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश होने वाली है। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भी अगले पांच दिनों तक भारी बारिश के आसार हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में एक सितंबर, बिहार में एक से तीन सितंबर, झारखंड में तीन सितंबर और सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अगले पांच दिनों तक बारिश होगी।
उसके मुताबिक उत्तराखंड में ओलावृष्टि हो सकती है | 1 से 5 सितंबर को तटीय और उत्तरी कर्नाटक में गरज के साथ व्यापक बारिश होने की संभावना है। इसमें लक्षद्वीप, रायलसीमा, तमिलनाडु, केरल, माहे और दक्षिण कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है। 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है। उत्तराखंड में भी चार दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
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IMD के अनुसार, आगामी दिनों में उत्तराखंड में 2 सितंबर से 5 सितंबर तक भारी बारिश और ओलावृष्टि के आसार है।उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश कहर लेकर आती है, जहां अक्सर लैंडस्लाइड और सड़कों के कटाव की जानकारी सामने आती है। बीते डेढ़ हफ्ते पहले भी बारिश ने आपदा के हालात बना दिए थे। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ने के साथ नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। लिहाजा लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। पर्यटकों को भी मानसून को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में जाने से बचने की हिदायत दी गई है |