रायपुर। टीकाकरण के शुरुआती दौर में चिकित्सक सहित हेल्थ वर्करों को निजी अस्पताल में निशुल्क टीका की दी गई सुविधा काे समाप्त कर दिया गया है। अब उन्हें इसके लिए शासकीय टीका केंद्रों तक जाना होगा। पहली डोज के साथ दूसरी खुराक के लिए भी यही नियम लागू कर दिया गया है। इधर टीकाकरण को बढ़ाने के लिए प्रदेश में बड़ी संख्या में टीका केंद्र बना दिए गए हैं।
हाईरिस्क की श्रेणी में आने वाले चिकित्सकों और तमाम स्वास्थ्य कर्मियों को शुरुआत में ही कोरोना का टीका लगाने की प्राथमिकता दी गई। इसके बाद फ्रंटलाइन वर्करों को भी इस सुविधा में शामिल कर लिया गया था।
स्वास्थ्य कर्मियों को भी देना होगा 250 रूपये
16 जनवरी से प्रारंभ हुए वैक्सीनेशन अभियान में अब तक स्वास्थ्य कर्मियों निजी अस्पताल में भी निशुल्क टीका लगाने की सुविधा दी गई थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है यानी सीनियर सिटीजंस और दूसरी बीमारी से पीड़ितों को टीका लगाने के लिए निजी अस्पताल में जिस तरह ढाई सौ रुपए शुल्क लिया जा रहा है, उसी तरह स्वास्थ्य कर्मियों को भी यह शुल्क देना होगा।
5 सौ से ज्यादा स्थानों पर वैक्सीन लगाने की सुविधा
उन्हें अगर टीकाकरण की निशुल्क सुविधा लेनी है तो शासकीय टीका केंद्रों तक जाना होगा और यह नियम हेल्थ वर्कर को मिलने वाली दूसरी खुराक पर भी लागू कर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश में बड़ी संख्या में बुजुर्गों और को-माॅर्बिडिटी वालों को वैक्सीन लगाने के लिए टीका केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई है। अब प्रदेश में पांच सौ से ज्यादा स्थानों पर वैक्सीन लगाने की सुविधा दी गई है, जिसमें बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों के साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों को भी शामिल किया गया है।