भारत सरकार AI पर लगाएगी रोक! जल्द आ रहा है नया नियम, जानें क्या होगा खास

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AI Platforms: दुनियाभर में चैट जीपीडी अपने पैर पसार रहा है और तेजी से लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. चैट जीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है जिसका इस्तेमाल करके आप अपने बहुत सारे काम आसान करवा सकते हैं. चैट जीपीटी न सिर्फ इंसानों की सूझबूझ दिखाता है बल्कि यह बेहद ही फास्ट है. वजह है कि तमाम तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स को दुनियाभर में काफी पसंद किया जा रहा है और अब भारत में भी इनका प्रवेश हो चुका है ऐसे में लगातार यूजर्स इन एस्टर माल कर रहे हैं लेकिन यूजर्स के बीच काफी डर बना हुआ है क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की वजह से नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह बात फिलहाल कोई पुख्ता तौर पर नहीं कह सकता है. आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब ऐसा माना जा रहा है कि भारत सरकार इसे लेकर एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार कर सकती है जिसका काम यह निर्धारित करना होगा कि किस तरह से भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार सरकार चैट जीपीटी समेत तमाम तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले प्लेटफॉर्म्स को मॉनिटर कर रहा है और इन पर एनालिसिस भी कर रहा है जिससे यह समझा जा सके कि आने वाले समय में इनका प्रभाव किस तरह से भारत में नौकरियों पर पड़ सकता है. इतना ही नहीं आने वाले कुछ महीनों में एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क भी तैयार किया जा सकता है जिसे भारत सरकार के तहत शुरू किया जाएगा और एक हद तक ही चैट जीपीटी और तमाम एआई प्लेटफॉर्म्स काम कर पाएंगे और जहां पर इनसे किसी नौकरी या किसी व्यापार पर खतरा नजर आएगा वहां पर इन्हें दुरुस्त करने का काम किया जाएगा.

नौकरियों के लिए खतरा बताया जा रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
हमारा जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते भारत में लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है जिनमें कंटेंट राइटिंग से लेकर कंसल्टेंसी और तमाम तरह की नौकरियां शामिल है. आप यकीन नहीं मानेंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने वर्चुअल एंकर भी तैयार कर लिए हैं जिनका इस्तेमाल करके कोई भी वीडियो तैयार किया जाता है या फिर कोई भी व्यक्ति किसी भी शख्स की आवाज निकाल सकता. ऐसे में भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म यूजर्स को किसी तरह की समस्या ना हो इस बात का ध्यान रखते हुए माना जा रहा है कि भारत सरकार कुछ ही समय में एक नियम तैयार कर सकती है जो इन पर निगरानी के काम आएगा.