दिल्ली : देश में मंदी और वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद कॉरपोरेट जगत अपने कर्मचारियों के सैलेरी में जबरदस्त बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। बताते है कि मोदी सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर में तेजी लाने के लिए मंत्रालय को सक्रिय किया है। इसकी झलक इस वित्तीय वर्ष में नजर आने लगेगी। मोदी सरकार बजट पूर्व कॉरपोरेट सेक्टर की मजबूती के लिए जुट गई है।
बताते है कि पिछले साल में भले ही वैश्विक संकट के चलते कॉरपोरेट सेक्टर मंदी के दौर से गुजरा हो। लेकिन 2023 में कॉरपोरेट जगत की चुनौतियों को भारत सरकार दम दे रही है। उसकी योजनाओ के चलते 2022 के मुकाबले 2023 में भारतीय कॉरपोरेट जगत अपने कर्मचारियों के सैलेरी में ज्यादा बढ़ोतरी करने की तैयारी में हैं। बताते है कि 2022 में जहां 9.2 फीसदी औसतन वेतन में बढ़ोतरी हुई थी। वहीँ 2023 में उससे ज्यादा 9.8 फीसदी की बढ़ोतरी होने के आसार है। यही नहीं कंपनी की उम्मीद में खरा उतरने वाले कर्मियों के वेतन में और भी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
बताते है कि कोर्न फेर्री के लेटेस्ट सर्वे रिपोर्ट में भारत में कारपोरेट सेक्टर में बड़े बदलाव नजर आ रहे है। सर्वे में बताया गया है कि मौजूदा दौर में कंपनियां का फोकस इस बात पर है कि ज्यादा प्रतिभाशाली लोग कंपनियां छोड़कर कहीं और ना जाएं। इसके लिए कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करने वाले एम्पलॉयज को उपकृत कर सकती है। वो उन्हें टैलेंट मैनेजमेंट के तहत फॉर्मल रिटेंशन और ज्यादा वेतन देकर रोकने में जुटी हैं।
बताते है कि 818 कंपनियों में ये सर्वे किया गया है। इसमें ये माना गया कि 2023 में 9.8 फीसदी औसतन वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है। 2020 में कोरोना काल के दौरान एम्प्लॉयज की केवल 6.8 फीसदी औसतन वेतन बढ़ोतरी हुई थी।
सर्वे के मुताबिक लाइफ साइसेज और हेल्थकेयर सेक्टर में 10.2 फीसदी और हाई टेक्नोलॉजी सेक्टर में 10.4 फीसदी औसतन वेतन बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जबकि सर्विसेज में 9.8 फीसदी, ऑटोमोटिव में 9 फीसदी, केमिकल्स में 9.6 फीसदी, कंज्यूमर गुड्स में 9.8 फीसदी और रिटेल में 9 फीसदी के दर से औसतन वेतन बढ़ोतरी होने का अनुमान है। सर्वे के मुताबिक मैक्रो इकोनॉमिक आउटलुक पॉजिटिव है लेकिन कस्टमर के लगातार बदलते प्रीफ्रेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, बढ़ती साझेदारी के चलते कारोबार पर नए प्रकार का दबाव बढ़ता जा रहा है।
इस दबाव में आगे बने रहने और मांग का सामना करने के लिए कॉरपोरेट्स काफी जोर लगा रहा है। सर्वे में कहा गया है कि वर्कफोर्स को ट्रांसफॉर्म करना होगा. 60 फीसदी कंपनियों ने सर्वे में कहा कि उन्होंने हाइब्रिड मॉडल अपना रखा है।
Korn Ferry के रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत सिंह के मुताबिक पूरी दुनिया में मंदी और वैश्विक आर्थिक संकट की बातें की जा रही है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक सोच है कि भारत का जीडीपी 6 फीसदी के ऊपर रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कंपनियों में टॉप टैलेंट वाले लोगों की सैलरी में 15 से 30 फीसदी तक की वेतन बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। फिलहाल इस सर्वे को कारपोरेट सेक्टर में खुशखबरी के रूप में लिया जा रहा है।