रायपुर: Raipur News : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ कांग्रेस और 15 सालों तक सत्ता में रह चुकी भाजपा दोनों ही दल पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इस बीच प्रदेश की सियासत में एक बड़ा उलटफेर होने संकेत मिल रहे हैं। दरअसल जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक पत्र जारी करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं को विलय और किसी भी प्रकार के गंठबंधन के लिए तैयार रहने को कहा था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि जेसीसीजे एक बार फिर गंठबंधन कर आगामी चुनाव में अपना दमखम दिखा सकती है। बता दें कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जेसीसीजे ने बसपा यानि बहुजन समाज पार्टी के साथ गंठबंधन कर चुनाव लड़ा था.
गुलाबी गमछा का गठबंधन
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पर है कि आगामी चुनाव से पहले जेसीसीजे और बीआरएस के बीच गंठबंधन हो सकता है। छत्तीसगढ़ की सियासत में दो गुलाबी गमछा एक साथ देखे जा सकते हैं। हालांकि अभी तक जोगी कांग्रेस या बीआएस की ओर से अधिकारिक तौर पर इस बात ऐलान नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा कि किसी दक्षिण भारत के राजनीतिक दल गठबंधन हो। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करे तो जेसीसीजे बसपा गठबंधन को 7 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन वर्तमान में जेसीसीजे के पास सिर्फ एक ही विधायक हैं वो भी खुद रेणु जोगी। रेणु जोगी पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी हैं और अमित जोगी की मां हैं।
छत्तीसगढ़ में पहली बार दक्षिण भारतीय पार्टी
वहीं, अगर बीआरएस की बात करें तो तेलंगाना के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव लंबे समय से पीएम उम्मीदवार के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करने की कवायद में लगे हुए हैं। लेकिन अब तक विपक्ष को एक करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। ऐसे में जेसीसीजे के साथ गठबंधन चंद्रशेखर राव को एक नई उम्मीद दे सकता है। कहा ऐसा भी जा रहा है कि जेसीसीजे का गंठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी, बसपा और बीआरएस से बात हुई है, लेकिन बीआरएस ने ही गठबंधन के लिए हामी भरी है। खैर ये तो कयासों की बातें हैं। गठबंधन की कहानी अधिकारिक ऐलान के बाद ही सामने आ पाएगी।
विलय-गठबंधन पर इस हफ्ते जो भी निर्णय हो साथ दें: अमित जोगी
गौरतलब हैे कि अमित जोगी ने एक इमोशनल पत्र कार्यकर्ताओं के नाम लिखा है। इसमें वो इस सप्ताह अहम निर्णय लेने की बात कहते दिख रहे हैं और गुजारिश कर रहे हैं कि फैसले में कार्यकर्ता उनका साथ दें। ये चिट्ठी उन्होंने ने सोशल मीडिया के जरिए अपने लोगों को भेजी है। पापा के रहते और पापा के जाने के बाद आप लोगों ने कठिन समय में जोगी परिवार का साथ नहीं छोड़ा। पार्टी और परिवार में बने रहे। साथ खाए, साथ हंसे, साथ रोए… मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं आप लोगों का कैसे धन्यवाद करूं, शीश झुकाकर हाथ जोड़कर आप सभी का कोटि-कोटि आभार प्रकट करना चाहता हूं। अब चुनाव में बहुत कम समय बचा है मैंने, आपने, हम सभी ने कई बार पार्टी और हम सभी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई बार चर्चा की। इस पर विचार विमर्श हुआ है, गठबंधन, विलय के सारे विकल्पों पर हमने साथ काम किया है । बहुत साफ है अगर मेरा राजनीतिक भविष्य उज्जवल है तो आप लोगों का भी होगा। अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा तो जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी। जिसका फायदा आपको ही होगा।