मुंबई : Maharashtra News: एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ठाणे में एक ट्रेंड उभर कर सामने आया है. शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र में उनके विरोधियों पर 25 एफआईआर दर्ज की गई हैं. ठाणे पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के विश्लेषण से पता चला है कि यह एफआईआर शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के सदस्यों के खिलाफ की गई हैं. यह पिछले 10 महीनों के भीतर का मामला है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 25 एफआईआर में से 21 सोशल मीडिया पोस्ट, टिप्पणियों या बैनर के माध्यम से विपक्ष द्वारा शिंदे को ‘निशाना’ बनाने के संबंध में हैं. पूर्व सांसद आनंद परांजपे के खिलाफ शुरू में 11 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जो अंततः बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा ठाणे पुलिस को फटकार लगाने के बाद कम की गईं. अधिकांश एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत दर्ज की गई हैं, जिसमें अधिकतम पांच साल कारावास की सजा है.
इसी अवधि में शिंदे सेना के खिलाफ कई FIR दर्ज की गईं. शिंदे की पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के संबंध में एक एफआईआर थी. इसके अलावा, शिंदे सेना के सदस्यों के खिलाफ दो कथित गैर-संज्ञेय मामले दर्ज किए गए थे. 2 अप्रैल को, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की रोशनी शिंदे को ठाणे में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सेना की महिलाओं द्वारा कथित तौर पर थप्पड़ मारा गया था. कथित तौर पर मुख्यमंत्री का अपमान करने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उनके साथ मारपीट की गई थी.
घटना एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. घटना के बाद रोशनी शिंदे के खिलाफ दो FIR दर्ज की गईं और उनकी शिकायत पर एक गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया गया. रोशनी के मामले में असंतुलित पुलिस कार्रवाई का आरोप लगाते हुए, शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे और महा विकास अघाड़ी के सहयोगी एनसीपी और कांग्रेस ने 5 अप्रैल को ठाणे पुलिस आयुक्त कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया था.
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में कहा था कि शिंदे का ठाणे में जबरदस्त दबदबा है. वहां वह रहते हैं और जहां से उन्हें विधायक और उनके बेटे श्रीकांत को सांसद चुना गया. पवार ने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री बनने से पहले ही शिंदे का ठाणे आयुक्तालय में पुलिस पोस्टिंग में दखल था. वहीं आनंद परांजपे ने आरोप लगाया था कि ठाणे के कुछ पुलिस अधिकारी शिंदे की ‘निजी सेना’ के रूप में काम कर रहे थे.