दारुल उलूम का फतवा, कोरोना टेस्ट से नहीं टूटेगा रोजा, नाक या मुंह से दे सकते हैं सैंपल

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दिल्ली वेब डेस्क / रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है | देशभर के मुसलमान इस महीने में रोजा रखते हैं | इस बार रमजान में हालात अलग हैं | कोरोना वायरस महामारी के बीच लॉकडाउन भी लागू है | लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना तेजी से फैल रहा है | हर दिन टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जा रही है | इस बीच दारुल-उलूम देवबंद ने एक अहम फतवे में कहा है कि अगर रोजे की हालत में भी कोरोना टेस्ट का सैंपल लिया जाता है तो उससे रोजा नहीं टूटेगा |

इससे जुड़ा एक सवाल दारुल-उलूम देवबंद से पूछा गया था | सवाल किया गया था रमजान के दौरान रोजे की हालत में कोरोना टेस्ट के लिये सैंपल देने पर क्या दिशा-निर्देश हैं | ये सवाल इसलिये भी किया गया क्योंकि कोरोना की टेस्टिंग के लिये गले से भी सैंपल लिया जाता है |

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इसी सवाल पर दारुल-उलूम देवबंद के मुफ्तियों के समूह ने कहा है कि कोरोना का टेस्ट रोजा रखकर दिया जा सकता है, इससे रोजा नहीं टूटेगा | दारुल-उलूम ने कहा है कि सैंपल के लिये नाक या गले में जो कॉटन लगी हुई स्टिक डाली जाती है उस पर किसी तरह की कोई दवा या केमिकल लगा नहीं होता है और यह स्टिक नाक व मुंह में सिर्फ एक बार ही डाली जाती है | कॉटन पर नाक व हलक से जो गीला अंश लगता है तो उसे मशीन के जरिये चेक किया जाता है | लिहाजा इससे रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ता है |

यानी देवबंद ने ये साफ कर दिया है कि अगर किसी ऐसे व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जाना हो, जिसका रोजा भी हो तो वो बिल्कुल टेस्ट करा सकता है, इससे रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा | बीते शनिवार से ही देशभर में रमजान शुरू हुआ है और इस बीच अभी तक ऐसी कोई खबर नहीं आई है जिसमें रोजे की वजह से कोरोना टेस्ट के लिये किसी ने मना किया हो | लेकिन जब दारुल-उलूम से एक शख्स द्वारा ये सवाल किया गया तो देवबंद की तरफ से भी साफ कर दिया गया कि टेस्ट से रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा |