रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED ने डेरा डाला हुआ है। करीब 60 अफसरों की टीम अलग -अलग मोहिम में जुटी है। खबर आ रही है कि करीब आधा दर्जन अफसरों और कारोबारियों से ED की पूछताछ इस वक्त जारी है। इसमें वो चर्चित चेहरे भी शामिल है, जिनके कारनामो से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार पर मुश्किलों का पहाड़ टुटा है। सूत्र बता रहे है कि ED के कई महत्वपूर्ण सवालो के जवाब को लेकर ये अफसर बगले झांक रहे है। संदेही कारोबारियों जहां काले कारनामो का भंडा सूर्यकान्त के सिर मढ़ना शुरू कर दिया है, वही सूर्यकान्त सरकारी गवाह बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।
जानकारी के मुताबिक सूर्यकान्त के कोयला कारोबार, एम्बुलेंस ठेके, रेत और मुरुम के ठेके, छत्तीसगढ़ पवार जनरेशन कम्पनी को कोयले की सप्लाई के अलावा गौण खनिजों के आवंटन से जुड़े कई दस्तावेजों पर सूर्यकान्त के सहयोगियों और परिजनो से पूछताछ जारी बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि छापेमारी में बरामद रियल स्टेट में निवेश की गई रकम के सूत्रधारों को कब्जे में लेने से पहले ED उनके खिलाफ और भी पुख्ता दस्तावेजी प्रमाण जुटा रही है। यह भी खबर आ रही है कि ब्लैक मनी से खरीदी गई जमीन -जायजाद के दस्तावेजों को लेकर कुछ जिलों के रजिस्ट्री दफ्तरों से उसे अपेक्षित जानकारी नहीं मिल पाई है।
राजनैतिक सरगर्मियों के बीच खबर आ रही है कि आने वाले 24 घंटो में लगभग डेढ़ दर्जन कारोबारी अफसरों और आम कारोबारियों से ED पूछताछ कर सकती है। इसका सिलसिला आज सुबह से शुरू हो गया है। कोल कारोबार और उसके माफिया राज की परते खुलने लगी है। सूत्र बताते है कि इस वक्त करीब आधा दर्जन अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ चल रही है। इनमे से कुछ का आमना -सामना कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी से भी कराया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ED हिरासत में इस दलाल ने कई रहस्यों पर से पर्दा हटाया है। इसके चलते ED की जाँच में आई तेजी से पूछताछ का दौर जल्द समाप्त होने के आसार है। ED के कदम नई गिरफ्तारी की ओर बढ़ रहे है।
जानकारी के मुताबिक एक टीम ने राजस्थान विधुत मंडल और उसके माइनिंग से जुड़े अफसरों से भी पूछताछ की है। सूत्र बता रहे है कि ED का फोकस माइनिंग और कोल घोटाले पर है। इसके जरिये होने वाली अवैध कमाई के कई श्रोत उसके हाथ लगे है। यही नहीं DMF फंड के निजी इस्तेमाल को लेकर भी पड़ताल जारी है। सूत्र बताते है कि DMF फंड में भी बड़ा घोटाला कर तीन IAS अधिकारियो ने मोटी रकम ठिकाने लगाई है। इनमे से दो अफसरों ने तो अपने ट्रांसफर के लम्बे समय बाद भी करोडो की रकम सरकारी खाते में जमा नहीं कराई। जानकारी के मुताबिक DMF फंड से इस रकम की अफरा -तफरी के दस्तावेजों का भी अवलोकन किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक चिप्स में बड़े घोटाले के सामने आने के बाद जारी पड़ताल में अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि समीर विश्नोई समेत अन्य अफसरों ने अपने अधिकारों का दुरुप्रयोग करते हुए बैक डेट में करोडो के चैक काटे है। अफसर हैरत में बताये जाते है, दरअसल चिप्स में छापेमारी के बाद भी कई कम्पनियो और फर्मो को भुगतान जारी है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि ”चिप्स” में भुगतान निकालने वालो पर ED ने अपनी निगाहें गड़ा दी है। ऐसे कारोबारियों पर भी ED के शिकंजा कसने के आसार है। फिलहाल सरकार के कर्णधारो के ED के चक्कर में फसने से राज्योत्सव का मजा किरकिरा नजर आ रहा है।
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