छत्तीसगढ़ में ED-IT फिर एक्टिव,संदेहियों की पूंछपरख फिर शुरू,कोल कारोबारी सुनील अग्रवाल को मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया और फरार सूर्यकांत तिवारी से जान का खतरा

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में करीब चौबीस घंटे बाद ED की टीम फिर एक्टिव मोड़ पर है|दीपावली के नाम पर अफसरों को मिली मोहलत ख़त्म होने के बाद एक बार फिर उनसे पूछताछ का दौर फिर शुरू हो गया है|बताया जा रहा है कि कुछ संदेही अफसरो और कारोबारियों ने दीपावली के मद्देनजर उपस्थिति दर्ज कराने में छूट मांगी थी|इसकी मोहलत अब ख़त्म हो गई है|

गुरुवार सुबह से एक बार फिर पूंछताछ और अन्य कार्यवाही में तेजी के आसार है|इस बीच खबर आ रही है कि ED हिरासत में पूछताछ के दौरान सुनील अग्रवाल और उसके परिजनों ने सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी से अपनी और परिजनों की जान को ख़तरा बताया है|उसे अंदेशा है कि असलियत जाहिर करने पर उसे मार दिया जाएगा|सूत्र बताते है कि आज आधा दर्जन अफसरों और कारोबारियों से ED पूछताछ कर सकती है|   

सूत्रों के मुताबिक सुनील अग्रवाल और उसके परिजनों को एक प्रभावशील महिला अफसर सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी से खतरा है|पीड़ितों ने इस बारे में अफसरों को अवगत कराया है |पीड़ितों का दावा है कि सच बोलने पर उनके कारोबार को बर्बाद कर उन्हें भी मार दिए जाने का अंदेशा है|

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार में प्रभावशील इस महिला अफसर सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी के इशारे पर ED की सहायता करने वालो पर जान का ख़तरा मंडराने लगा है |ये लोग पूछताछ में चुप्पी साध लेने या फिर खुद के नाम का जिक्र तक ना करने के लिए हाथ-पैर मार रहे है| 

सूर्यकांत के फरार होने और सौम्या चौरसिया के अभी भी मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव पद पर बने रहने से ना केवल जांच प्रभावित हो रही है बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो रही है|इसके लिए सौम्या चौरसिया की कार्यप्रणाली पर ऊँगली उठ रही है|सूत्रों के मुताबिक सौम्या अभी भी IT -ED जांच को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी और अधिकारों का दुरूपयोग कर रही है|ताजा मामला ब्लैक मनी खपाने के लिए चर्चित सुनील अग्रवाल और उसके परिवार पर जान के जोखिम से जुड़ा है| 

सूत्रों के मुताबिक  सुनील अग्रवाल ने ED को सूर्यकांत और सौम्या चौरसिया के असली कारोबार के बारे में बताया है|उसने ब्लैक मनी खपाए जाने के लिए अनैतिक दबाव बनाए जाने संबंधी हकीकत बयां की है|बताया जा रहा है कि सुनियोजित रूप से इन लोगो ने अपने पद और प्रभाव व अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए कोरबा में तत्कालीन कलेक्टर और स्थानीय प्रशासन के जरिए उसके ठिकानो पर छापेमारी की थी|इसका सीधा मकसद उसके जरिए ब्लैक मनी खपाना था|  

इस छापेमारी और कार्यवाही से बचने को लेकर उस पर ब्लैक मनी खपाने के लिए दबाव बनाया गया था|फिर वो इस लॉबी के साथ जुड़ गया था|बताते है कि पीड़ित सुनील अग्रवाल के हामी भरने के बाद उससे करोडो की ब्लैक मनी के एवज में वाइट मनी ली गई थी|उसकी ITR और बुक के आधार पर उनके परिजनों के नाम पर जमीने खरीदी और कई बड़े सौदे किये गए|उसका दावा है कि इन सौदों और सम्पत्तियो पर असल मालिकाना हक़ किसी और का है|इसे लेकर कुछ दस्तावेजी सबूत उसने पेश किए है |  

सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान सुनील अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया की कार्यप्रणाली से ED को रूबरू कराया है|उसने बताया है कि सूर्यकांत तिवारी और सौम्या से उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है|

फिलहाल सुनील अग्रवाल,आईएएस समीर विश्नोई और लक्ष्मीकांत तिवारी की 6 दिनों तक बढ़ी रिमाण्ड की अवधि अब समाप्ति पर है|तीनो से ED ने गहन पूछताछ कर कई सबूत इकट्ठा किए है|विश्नोई ने डिजिटल डाटा और अन्य दस्तावेजों का हवाला देते हुए ED को बताया है कि अवैध वसूली और सरकारी रकम के भुगतान को लेकर आखिर उसे कौन फरमान जारी करता था ? चिप्स में अवैध वसूली की रकम किसके हाथो में सौंपी जाती थी| 

सूत्रों के मुताबिक चिप्स में करोडो के कार्य,ठेके और सरकारी भुगतान को लेकर विश्नोई ने कुछ नोट शीट का भी हवाला दिया है|इस बारे में उसने मोबाइल चैट और दस्तावेज भी उपलब्ध कराए है |सूत्रों का यह भी दावा है कि सूर्यकांत तिवारी के गायब रहने और सौम्या चौरसिया के कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब नहीं देने के चलते जांच को अंजाम तक पहुंचाने में ED को जमकर पापड बेलने पड़ रहे है| लिहाजा वो नए दागियों को कब्जे में लेने और पुराने आरोपियों की रिमाण्ड अवधि और बढ़ाने पर जोर दे सकती है |