मुंबई/रायपुर। महादेव बेटिंग ऐप केस में ED और मुंबई पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दीं हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में भी छापेमारी कर एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। काली कमाई के बॉलीवुड कनेक्शन की जांच की जा रही है। मुंबई और नागपुर से दुबई तक उड़ान भरने वाले कई कारोबारियों , सटोरियों और IAS एवम IPS अधिकारियों की कुंडली खंगाली जा रही है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र कैडर के ये संदेही कभी सैर सपाटे के नाम पर तो कभी सौरभ चंद्राकर की पार्टी में शामिल होने के लिए आए दिन खाड़ी देशों की यात्रा करते थे। इसके लिए नागपुर और मुंबई एयरपोर्ट का सीधी उड़ान होने की वजह से ज्यादातर इस्तमाल होता था।
ऐप प्रमोटरों द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी सेंधमारी की गई थी। इसे केन्द्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। छत्तीसगढ़ कैडर के तो दर्जनों अधिकारी महादेव ऐप के जरिए रोजाना लाखों की कमाई कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार राज्य में घटित लगभग 15 हजार करोड़ के महादेव ऐप बेटिंग घोटाले की सीबीआई जांच पर भी विचार कर रही है। दरअसल, सटोरियों को छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र कैडर के कई IAS और IPS अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था। ये अधिकारी किसी पेशेवर गिरोह की तर्ज पर कार्य कर रहे थे। महाराष्ट्र सरकार ने घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच को जांच का जिम्मा सौंपा है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र पुलिस ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से एक फिल्मी कलाकार साहिल खान की गिरफ्तारी की है। साहिल लंबे अरसे से फरार था।
जानकारी के मुताबिक आरोपी साहिल खान भी मुंबई से दुबई की नियमित उड़ान भरा करते थे। सटोरियों के ठिकानों पर शादी ब्याह से लेकर पार्टियां आयोजित करवाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। बताते हैं कि छत्तीसगढ़ कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी आनंद छाबड़ा , 2005 बैच के शेख आरिफ , 2004 बैच के अजय यादव और 2007 बैच के IPS प्रशांत अग्रवाल के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कई पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये अधिकारी प्रतिमाह लाखों रूपए वसूलते थे , इसके एवज में महादेव ऐप से जुड़े सटोरियों को संरक्षण दिया जाता था। पुलिस के कई अधिकारी खुद सट्टा खिलाकर हर माह करोड़ों का कारोबार कर रहे थे। दुर्ग में स्थानीय पुलिस ने कई सटोरियों को सस्ते में छोड़ दिया था , उनके खिलाफ महज जुवा एक्ट में कार्यवाही की गई थी। जबकि उनके अकाउंट में लाखों-करोड़ों की रकम इधर से उधर हुई थी।
पुलिस के प्रभावशील अधिकारियों ने घोटाले को रफा-दफा करने के लिए अपने पद और अधिकारों का जमकर दुरूपयोग किया था. महादेव ऐप घोटाले में महाराष्ट्र के कई नए-नवेले सटोरिए भी शामिल होकर रोजाना करोड़ों के काले कारोबार को अंजाम दे रहे थे। इस अंतरराज्यीय घोटाले में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अलावा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भी F.I.R. दर्ज की गई है। आंध्र प्रदेश पुलिस जांच में जुटी है। जबकि छत्तीसगढ़ EOW भी जांच में जुटा है। हालाकि कई वरिष्ठ IPS अधिकारियों का नाम इस घोटाले में सामने आने के बाद EOW जांच कार्यवाही पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। बताते हैं कि ED ने IPS अधिकारियों के खिलाफ नामजद F.I.R. दर्ज करने के निर्देश EOW को दिए थे। लेकिन नामजद F.I.R. के बजाए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने से EOW की जांच सवालों के घेरे में बताई जाती हैं।
EOW पर दागी IPS अधिकारियों को बचाने के आरोप भी लग रहे हैं। मामले की सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ चुकी है। बताते हैं कि सौरभ चंद्राकर की शादी और पार्टीयों में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ कैडर के कई कारोबारी और IPS अधिकारी वकील-पुलिस कर्मी नियमित रूप से दुबई आवाजाही करने के लिए नागपुर एयरपोर्ट का इस्तमाल करते थे। सूत्रों के मुताबिक ED के पास ऐसे दागी अफसरों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद हैं। उधर फिल्मी कलाकार साहिल खान की गिरफ्तारी से बॉलीवुड के दोयम दर्जे के कई फिल्मी कलाकारों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है। ये कलाकार भी महादेव ऐप के जरिए लाभान्वित हो रहे थे। जानकारी के मुताबिक साहिल खान कई IPS अधिकारियों और साथी कलाकारों के खिलाफ अपनी जुबान खोल सकता है।
महादेव बेटिंग ऐप केस में बॉलीवुड एक्टर साहिल खान को बीती रात जगदलपुर से मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मुंबई क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने एक्टर से पूछताछ भी शुरू कर दी है। इस मामले में मुंबई पुलिस जांच में जुटी है। साहिल ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई थी।वह लोटस बुक 24/7 नामक एक सट्टेबाजी ऐप वेबसाइट में भागीदार बताया जाता है, जो महादेव सट्टेबाजी ऐप नेटवर्क का हिस्सा है। उस पर लायन बुक ऐप को प्रमोट और उनके इवेंट्स अटेंड करने का आरोप लगा है। दुबई में हुई बेटिंग ऐप की एक पार्टी में साहिल खान भी शामिल थे। उनके खिलाफ F.I.R. दर्ज कराई गई थी। इसमें IPC की धारा 420, 467, 468, 471, 120(B) और जुआ एक्ट, IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।