तिरुपति मंदिर की आर्थिक स्थिति डगमगाई, नीलाम होगी 23 संपत्तियां, मंदिर के मकान और खेत बेच कर कर्मचारियों के वेतन का बंदोबस्त, 125 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च होते है सुरक्षा और अन्य बंदोबस्त में

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चेन्नई वेब डेस्क / देश में कोरोना वायरस के कारण सिर्फ उद्योग, धंधे और अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि धार्मिक स्थानों में भी वित्तीय संकट की नौबत है। इसमें दुनिया का सबसे अमीर मंदिरों में अव्वल नंबर पर रहने वाला तिरुपति देवस्थानम भी शामिल हो गया है | प्रबंधन के अनुसार नियमित खर्चों के अलावा सुरक्षा और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए करीब 125 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। लगभग दो महीने से जारी लॉक डाउन की वजह से मंदिर को केवल हुंडी से होने वाली 400 करोड़ रुपये की आय का नुकसान हुआ है।

मंदिर की आय का यह प्रमुख स्रोत है जो भक्तों द्वारा चढ़ाए गए दान के रूप में प्राप्त होते हैं। इस वजह से मंदिर समिति को कर्मचारियों के वेतन और मंदिर से जुड़े अन्य खर्च पूरे करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि मंदिर के पास करीब नौ टन सोना और 14 हजार करोड़ की एफडी है लेकिन समिति इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहती।

लिहाजा आर्थिक संकट से निपटने के लिए मंदिर प्रशासन ने भक्तों से दान में मिली 23 संपत्तियां नीलाम करने का फैसला किया है। ये सभी संपत्तियां तमिलनाडु में हैं। मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने इन संपत्तियों की नीलामी करने के लिए दो समितियां बनाई हैं। इन संपत्तियों में तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में स्थित मकान और खेती की जमीन भी शामिल है। जल्द ही इसकी बोली लगेगी | बताया जाता है कि मौजूदा दौर में तिरुपति देवस्थानम में भक्तों की एंट्री बंद है | इसके चलते आमदनी ठप्प है |

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मंदिर प्रशासन कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना चाहता है, लेकिन कई वर्षों से कार्यरत कर्मचारी नौकरी छोड़ने को तैयार नहीं है | एक तरफ़ा नौकरी से निकालने की स्थिति में वे आत्महत्या और हड़ताल की धमकी दे रहे है | फ़िलहाल खेत खलियान और मकानों को बेच कर मंदिर प्रशासन ने कर्मचारियों के वेतन का बंदोबस्त करने पर जोर दिया है |