दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाला मौजूदा दौर में कांग्रेस शासित दोनों राज्यों राजस्थान और हिमांचल प्रदेश को काफी पीछे छोड़ चूका है। अब संसद में भी छत्तीसगढ़, नौकरशाही और राजनेताओ के संगठित अपराध वाले प्रदेश के रूप में सुर्खियां बटोर रहा है।इसके पूर्व मामला गृह मंत्रालय में चर्चा में था। शीतकालीन सत्र की तर्ज पर बजट सत्र में भी राज्य के ज्यादातर सांसदों ने लोक सभा और राज्य सभा में भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाए है।
बताते है कि संसद में अडानी को लेकर मोदी और केंद्र पर राहुल गांधी के हमले का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस शासित तीनो राज्यों छत्तीसगढ़,राजस्थान और हिमांचल प्रदेश का सूरत-ए-हाल बताया गया था। इस दौरान छत्तीसगढ़ में नौकरशाही और राजनेताओ के गठजोड़ से चल रहे संगठित अपराधों का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से पीएमओ को सौंपा गया था। बताते है कि राज्य के प्रशासनिक हालातो से पीएमओ भी हैरत में है।ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के कार्यों पर पीएमओ ने चिंता जताई है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय कुछ मामलों की पड़ताल अपने हाथो में ले सकता है।
सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ का हाल-चाल जानने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जवाब में उल्टा कांग्रेस पर ही जबरदस्त पलटवार किया था । पीएम ने संसद में बगैर छत्तीसगढ़ का नाम लिए साफ़ तौर पर कांग्रेस शासित राज्यों को भ्रष्टाचार के मामलों में चुटीले अंदाज में नसीहत दे डाली। पीएम ने कहा कि कुछ लोगो ने अर्थ नीति को अनर्थ नीति में परिवर्तित कर दिया है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि वो अपने राज्यों को समझाए,”वे गलत रास्ते में ना चले जाएं” | यही नहीं मोदी ने संसद में ईडी की जमकर पीठ थपथपाई,उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां देश भर में बेहतर कार्य कर रही है।
पीएम मोदी के संसद में कांग्रेस पर हमले के बाद संसद में छत्तीसगढ़ का मामला चर्चा में है।बीजेपी कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने छत्तीसगढ़ के कोल परिवहन घोटाले को कांग्रेस शासित तीनो राज्यों में भ्रष्टाचार का मामला अव्वल बताया है। इसकी तस्दीक में कांग्रेस के G-गुट से जुड़े कुछ सांसद भी अपना सिर हिलाते नजर आए।संसद के गलियारे में इस चर्चा के उपरांत कुछ सांसदों ने अचानक खड़गे की ओर रुख कर लिया। जबकि राहुल ब्रिगेड से जुड़े कांग्रेस के दो लोक सभा सांसदों ने ED की एक चार्जशीट को लेकर छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों से लम्बी चर्चा की है। मामला कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति से जुड़ा बताया जाता है।
बताया जा रहा है कि राज्य में CBI को बैन करने से ED समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियां किस तरह से दो-चार हो रही है। इसे लेकर एजेंसियों के प्रमुखों ने पीएमओ को अवगत कराया है। कई सांसदों को इसकी भनक लगते ही वे मामले पर निगाह गड़ाए बैठे है। यही नहीं पक्ष-विपक्ष के कुछ एक सांसदों को छत्तीसगढ़ में फिर किसी बड़ी कार्यवाही की सुग बुगाहट सुनाई दे रही है। चर्चा में कुछ एक कांग्रेसी सांसदों ने अंदेशा भी जाहिर किया है कि रायपुर में अबकी बार ED नहीं बल्कि उनकी पार्टी ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के उपरांत छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों राज्यों में ED को पटखनी देगी। उनका मतलब भ्रष्टाचार के मामलों से खड़गे का किनारा करने से था। बताते है कि दोनों राज्यों में नए नेत्तृत्व को लेकर आलाकमान आने वाले दिनों कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
सूत्रों का दावा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी नाते-रिश्तेदारों ओर कारोबारियों के “हाथ”,जिस बुरी तरह से ED समेत अन्य एजेंसिया जकड चुकी है,उससे पार्टी का बचाव करना मुश्किल में है। सूत्र दावा कर रहे है कि कमोवेस यही हाल छत्तीसगढ़ का भी है। मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ ED ने कडा शिकंजा कसा है।इससे पार्टी छवि दांव पर लग गई है।
कई IAS ओर IPS अधिकारियों ने कोल खनन परिवहन घोटाले से जुड़े निर्देशों के पालन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके कार्यालय पर मढ़ दी है। डिजिटल सबूतो और दस्तावेजों के आधार पर हुई पूछताछ में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों ने अपने बयानों में बताया है कि,”25 रूपए टन कोयले पर अवैध वसूली के लिए” मुखयमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया ने कोयला दलाल सूर्यकांत के जरिए पुलिस और जिला प्रशासन पर आखिर कैसे नियंत्रण बनाया हुआ था। अधिकारियों ने अवैध वसूली के लिए बनाए गए दबाव का हवाला भी अपने बयानों में दिया है। बताते है कि ED ने कुछ अधिकारियों की चैट से सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत कराया है। इसके बाद अलर्ट पर आई दिल्ली ख़ुफ़िया टीम ने अपनी रिपोर्ट में दागी अधिकारियों का पूरा ब्यौरा सौंप कर MHA को अवगत कराया है।
बताते है कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न सरकारी संस्थानों से जुड़े कई कारोबारियों,ठेकेदारों,उद्योगपतियों और खेती-किसानी से जुड़े कई लोगो के नाम और उनके साथ लेन-देन संबंधी सटीक जानकारी एक डायरी में दर्ज है। यह डायरी छापेमारी के दौरान सूर्यकांत तिवारी के ससुर विधायक अग्नि चंद्राकर के ठिकानो से बरामद होना बताई जाती है।
बताते है कि अब यह डायरी कहर बरपा रही है। इस डायरी की पड़ताल के उपरांत ED को घोटाले की प्रक्रिया और मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता सबूत हासिल हुए है। ये सबूत सुपर सीएम सौम्या चौरसिया की जमानत की राह मुश्किल कर सकते है। जानकारी के मुताबिक IT-ED के गवाहों को प्रभावित किए जाने और आपराधिक मामलों में शामिल अधिकारियों की पड़ताल को लेकर ED ने गृह मंत्रालय से उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया है।
बताते है कि सौम्या की हाईकोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई से पूर्व ED फिर किसी बड़े खुलासे की ओर बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि इसके लिए संदेहियों और गवाहों से पूछताछ जारी है। इस हफ्ते कुछ राजनैतिक पृष्ठ भूमि से जुड़े लोगो पर ED का शिकंजा कसने के आसार है।इसके पूर्व कुछ गवाहों और सबूतों का गहन परीक्षण जारी है।