छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में नक्सली आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात  नक्सली कमांडर पापाराव की मौत , सैकड़ों जवानों की हत्या और लैंडमाइन विस्फोट का साजिशकर्ता पापाराव पर था लाखों का ईनाम , CRPF पर किया था सर्वाधिक हमले  

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रिपोर्टर – रफीक खांन  

सुकमा / कुख्यात नक्सली नेता पापाराव की मौत की खबर आ रही है | हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है | बावजूद इसके जंगलों के भीतर से आ रही खबरों पर यकीन किया जाये तो पापाराव किसी गंभीर बीमारी की भेंट चढ़ गया | हाल ही में रमन्ना की मौत के बाद नक्सली आंदोलन को पापाराव की भी मौत ने झकझोर दिया है | छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन राज्यों में पापाराव की मौत से नक्सली आंदोलन पर विपरीत प्रभाव पड़ने के आसार है | दरअसल नक्सलियों की केंद्रीय समिति में पापाराव की योजनाएं काफी अहमियत रखती थी | वो एक ऐसा रणनीतिकार था जो नक्सली आंदोलन के प्रचार प्रसार से लेकर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमले की योजनाओं को अंतिम रूप देता था | छत्तीसगढ़ में उसने कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दिया | इसमें ताड़मेटला से लेकर सुकमा और दंतेवाड़ा में CRPF के सैकड़ों जवानों को मौत के घाट उतारने की घटनाएं शामिल है |  

बताया जाता है कि पापाराव का जन्म सुकमा जिले के कोंटा विकास खंड स्थित  किस्टारम थाना क्षेत्र के निमलगुड़ा गाँव में हुआ था | वो माओवादी संगठन का स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर के पद पर रहकर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहा था | कुख्यात मास्टरमाइंड पापाराव , दुर्दांत नक्सली रमन्ना का राइट हैंड माना जाता था । बताया जाता है कि देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला सुकमा के ताड़मेटला में CRPF पर इसी पापाराव ने किया था | इस घटना में 76 जवानों की शहादत हूई थी ।  छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों की सरकार ने पापाराव पर एक करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा था |  मिली जानकारी के अनुसार पापाराव किडनी रोग से ग्रसित था | यही नहीं जंगलों में उसे सर्पदंश का भी सामना करना पड़ा | सूत्र बता रहे है कि अपने ससुराल में भेष बदलकर रह रहे पापाराव की इलाज के दौरान मौत हो गई | 

सुकमा के जगरगुंडा इलाके के ताड़मेटला अटैक में मुख्य रूप से शामिल पापाराव की मौत की खबरें कुछ दिनों पहले भी आई थी । हालांकि उस पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया | एक बार फिर यह खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल गई है |  हाल ही में माओवाद नक्सलवाद संगठन का निर्माणकर्ता रमन्ना की मौत के बाद एक और माओवाद नेता की मौत होने की खबरों ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए है | केन्द्रीय सुरक्षा बलों व छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन और नक्सल उन्मूलन आपरेशन से जुड़े अधिकारीयों ने भी इसकी वास्तविकता परखने के लिए अपने तंत्र को सक्रिय कर दिया है |