जरुरी सुधारों के साथ लॉन्च हुई छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में उपयोग किये जाने वाली मोटर साईकिल एम्बुलेंस, CRPF और DRDO ने नया रूप दिया बाइक एंबुलेंस को, देश के नक्सली और दुर्गम इलाकों में होगी मददगार

0
5

नई दिल्ली / रायपुर – छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के जंगलों में बीते कुछ सालों से मोटर साईकिल में मरीजों की आवाजाही के किस्से चर्चित रहे है। दरअसल जिन इलाकों में चौपहियाँ वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकती, वहां सुरक्षाबलों के जवान मोटर बाइक एम्बुलेंस का इस्तेमाल करते है। यह काफी मददगार साबित हुई है। आम मोटर साईकिल में मरीजों को लिटाने – बैठाने का देशी जुगाड़ कर इसे निर्मित किया गया है। यह मोटर साईकिल एम्बुलेंस जंगलों में काफी चर्चित रही।

इसे कारगर देखकर अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और भारतीय रक्षा अनुसंधान के साथ विकास संगठन और इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस ने संयुक्त रूप से इसके डिजाइन को नए सिरे से तैयार किया है। उनके द्वारा निर्मित मोटर बाइक एंबुलेंस ज्यादा कारगर और आराम दायक है। इसमें नए फीचर के साथ नए उपकरण डाले गए है। ताकि बाइक सवार और मरीज दोनों के लिए सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके। इस बाइक एम्बुलेंस का नाम ‘रक्षिता’ रखा गया है। मंगलवार को दिल्ली में इस नए बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया जाएगा।

नए सिरे और फीचर के साथ लॉन्च की जा रही इस बाइक एंबुलेंस को सुरक्षा बलों के जवान मेडिकल इमरजेंसी और दुर्गम क्षेत्रों में घायल होने की स्थिति में घायल जवानों को तत्काल निकासी में मदद दे सकेगी। यही नहीं एनकाउंटर के दौरान घायल होने की स्थिति में यह एंबुलेंस बाइक पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की जीवन रक्षा के लिए कारगर साबित होगी। हालाँकि सुरक्षा बलों के जवानों ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों की आम आबादी को भी इस मोटर बाइक से अस्पताल पंहुचा कर उनकी काफी मदद की है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे दुर्गम इलाकों में इस मोटर साईकिल ने कई गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनके प्राणों की रक्षा की। दरअसल इन इलाकों में पहाड़ों और घने जंगलों की वजह से आवागमन ठप्प है। इन इलाकों में ग्रामीणों को जंगली रास्तों से पैदल ही सफर करना होता है। खासतौर पर किसी भी तरह के चौपहियाँ वाहनों की दुर्गम जंगलों में आवाजाही नहीं होती। ऐसी स्थिति में सुरक्षा बल के जवान बाइक एंबुलेंस का इस्तेमाल कर मुश्किल से ही सही लेकिन जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचा देते है। यह बाइक नक्सली इलाकों या घने जंगलों में बनी कच्ची सड़कों पर भी रफ़्तार पकड़ लेती है।

कई मौकों पर देखा गया है कि आम एम्बुलेंस से पहले बाइक एम्बुलेंस घायल जवानों और मरीजों के लिए मौके पर पहुँच जाती है। उन्हें समय पर मेडिकल की सुविधाएं मिल जाने से वे राहत की साँस लेते है। सीआरपीएफ के जवानों ने अपना अनुभव शेयर करते हुए न्यूज़ टुडे से कहा कि दुर्गम इलाकों में एम्बुलेंस की आवाजाही नहीं होने या फिर कठिनाइओं की वजह से देरी से पहुँचने के लिए कारण मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है। ऐसे समय यह बाइक एम्बुलेंस उन्हें नया जीवन देती है। इस बाइक के आधुनिक संसाधनों से लैस होने से सीआरपीएफ के जवान गदगद है।

ये भी पढ़े : बड़ी खबर : अब वो शख्सियत आई सामने जिनके कारण देश को रिकॉर्ड तोड़ समय में मिली कोरोना वैक्सीन, रूबरू होइए भारत माता के इन सपूतों से, इन्ही के कारण विश्व में भारतीय वैक्सीन ने मचाई धूम, सबसे सुरक्षित और गुणकारी है हमारी देशी वैक्सीन