हैदराबाद वेब डेस्क / भारत में कोरोना वायरस का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि संक्रमण का नाम सुनकर ही कई लोग मौत को गले लगा रहे है | बगैर कोरोना टेस्ट कराये और रिपोर्ट के खुद को संक्रमित होने का अंदेशा जानलेवा साबित हो रहा है | लगभग 2 महीने से अधिक समय से लोगों को वायरस के बारे में लगातार जागरूक किये जाने के बावजूद संक्रमण को लेकर उनमे भ्रम की स्थिति देखि जा रही है | नतीजतन कई लोग हड़बड़ी में गलत कदम उठा रहे हैं। कोरोना काल में आत्महत्या के कई मामले आ चुके हैं। इसमें ज्यादातर लोग संक्रमण के खौफ से आत्महत्या कर रहे है |
ताजा मामला हैदराबाद का है, यहाँ एक व्यक्ति ने अपने अपार्टमेंट की इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली | उसे संदेह था कि उसे कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है। रमन्तापुर क्षेत्र में यह दुखद घटना सामने आने के बाद पुलिस ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी हैरत में है।तेलंगाना में इस तरह की यह दूसरी घटना है। मार्च में सूर्यपेट जिले में एक व्यक्ति ने डर के कारण आत्महत्या कर की, क्योंकि, उसे डर था कि वह भी संक्रमित न हो जाए।पिछले महीने दिल्ली, बेंगलुरु और मेघालय के अस्पतालों में तीन कोरोना वायरस रोगियों ने आत्महत्या कर ली थी।
बताया जाता है कि एक 60 वषीर्य व्यक्ति ने अपने अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल से अचानक छलांग लगा दी | उसे पड़ोसियों ने बचाने की कोशिश की | लेकिन उन्हें मौका मिल पाता, इस शख्स ने छलांग लगा ली | जमीन पर गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को पीड़ित परिजनों को सौंप दिया है | संदिग्ध परिस्थितियों में इस मौत से पुलिस हैरत में है |
पुलिस के मुताबिक पीड़ित वासिरजू कृष्ण मूर्ति के परिवार के अनुसार, वह पेट में गैस की समस्याओं से पीड़ित थे। उन्हें संदेह था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है | पड़ताल के लिए उन्होंने कुछ दिनों पहले सरकारी अस्पताल किंग कोटि से संपर्क किया था | लेकिन डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसे ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं।
वह सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह से संतुष्ट नहीं थे | इसलिए परिवार के सदस्य स्क्रीनिंग के लिए उन्हें कोरोना वायरस के राज्य नोडल केंद्र, गांधी अस्पताल ले जाने वाले थे। इससे पहले की उन्हें अस्पताल ले जाया जाता वे अपने अपार्टमेंट की बालकनी से सीधे नीचे कूद गए।