रिपोर्टर -मनोज सागर
भोपाल वेब डेस्क / महिलाओं को अपने बालों से काफी लगाव होता है | लेकिन जब उन्हें अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन स्वरूप बाल कटवाने पड़े , तो कितना दुःख होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है | भोपाल में एक मुस्लिम महिला मुंडन करवाने के बाद भावुक हो गई | इस महिला का नाम शाहीन खान है | पेशे से प्रोफेसर यह महिला अपनी कई अतिथि विद्वान साथियों के साथ पिछले 72 दिनों से धरने पर बैठी है | अतिथि विद्वानों के लिए अब गुजर रहे दिन बेहद भावुक करने वाले है | अपनी मांगों और अधिकारों को लेकर धरना दे रही महिला अतिथि विद्वान अब अपने केश त्यागते हुए सार्वजनिक रूप से खुद का मुंडन करवा रही है | सबसे पहले मुंडन करवाने वाली महिला अतिथि विद्वान का नाम डॉक्टर शाहीन खान है |
मुंडन करवाने के बाद वह भावुक हो गईं | उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद अतिथि विद्वानों से कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर वे उनकी मांगों को पूरा करेगी | लेकिन साल भर बाद भी कांग्रेस सरकार ने उनकी सुध तक नहीं ली | उनके मुताबिक अतिथि विद्वानों ने लम्बे समय तक इंतजार किया और उसके बाद ही जब आंदोलन शुरू किया तो उन्हें फालेन आउट नोटिस मिलना शुरू हो गए | प्रर्दशनकरियों ने कहा कि दो महीने से ठंड में धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला | उनके मुताबिक अतिथि विद्वानों ने हज़ारो बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य बनाया लेकिन अब खुद उनका भविष्य अंधकारमय है | उन्होंने मांग की कि कांग्रेस सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए | इसलिए प्रदर्शन स्थल में वे तब तक डटे रहेंगे जब तक की उन्हें लिखित आर्डर नहीं मिल जाता |
धरना स्थल पर मौजूद अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवराज सिंह ने भी कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इससे दुखद दिन अतिथि विद्वानों के लिए नहीं हो सकता | उन्होंने बताया कि डॉक्टर शाहीन ने जो बाल मुंडवाए हैं उसे हम राहुल गांधी के पास भेजेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके दिए गए वचन का यहां पालन नहीं हो रहा है |
महिला अतिथि विद्वानो के मुंडन प्रदर्शन शुरू करने के बाद प्रदेश की राजनीति भी गर्माने लगी है | पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर ट्वीट कर निशाना साधा है | शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ का फरवरी 2018 का एक पुराना ट्वीट शेयर करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री जी, आज भी केश नारी के सम्मान का प्रतीक है | अतिथि विद्वान बहनों ने आपकी सोती हुई सरकार को नींद से जगाने के लिए अपने केश त्यागे, क्या आज आपको उनकी पीड़ा का अंदाज़ा है? क्या आपकी नज़र में आज प्रदेश शर्मसार हुआ? क्या उनकी भलाई के लिए आप कोई कदम उठाएंगे ? हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री के इस ट्वीट का ना तो कमलनाथ ने जवाब दिया है और ना ही पार्टी और अन्य किसी नेता ने |
दरअसल, जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे तब कमलनाथ ने प्रदर्शनकारी महिला अतिथि विद्वानो के मुंडन कराने की घटना पर उन्हें घेरते हुए इसे दिल को झकझोरने वाली घटना बताया था | लिहाजा अब बारी कांग्रेस और उसके नेताओं की है | प्रदर्शनकारी अपने नियमतिकरण की मांग को लेकर 2 दिसंबर 2019 से आंदोलन कर रहे हैं जो अभी भी जारी है | प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि अभी और कई अतिथि विद्वान् अपने केश त्याग कर उसे राहुल गांधी को भेजेंगे |