छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी उम्मीदवारों ने किया पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे का बहिष्कार, चुनावी प्रचार का नही दिया न्योता, वोट कटने का अंदेशा, डेढ़ दर्जन रैली और सभा रद्द…

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रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के मतदान के लिए चुनावी प्रचार की घड़ी अंतिम दौर में है, तीन दिनों बाद चुनाव प्रचार थम जाएगा। 7 मई को होने वाले मतदान के लिए सभी तैयारियां प्रशासन द्वारा पूर्ण कर लीं गईं है। इस बीच कांग्रेसी खेमे से बड़ी खबर सामने आ रही है, इसके मुताबिक स्टार प्रचारक भू-पे बघेल से पार्टी के चार उम्मीदवारों ने पूरी तरह से किनारा कर लिया है। जबकि तीन प्रत्याशियों ने भू-पे को उनके इलाकों में दौरा ना करने के लिए प्रार्थना की है। बघेल की सभाओं से पार्टी प्रत्याशियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इसके चलते बघेल की करीब डेढ़ दर्जन सभाओं और रोड शो पर कैंची चल गई है। हालाकि बिन बुलाए मेहमान की तर्ज पर कुछ एक सभाओं में बघेल ने शामिल होकर पार्टी प्रत्याशियों की मुसीबत बढ़ा दी है, इसमें अंबिकापुर संसदीय सीट भी शामिल है। यहां बघेल ने कुनकुरी में चुनावी सभा लेकर ऐसा भाषण दिया की इलाके के लोग नाराज हो गए। कई कांग्रेसी तो मंच पर भूपेश को देखकर फौरन मौके से खिसक लिए।

रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, कोरबा, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा संसदीय सीट में पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल की कई सभाएं और रोड शो रद्द किए जाने की खबर सामने आई है। इन सीटों पर बघेल के प्रचार से उम्मीदवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक तीन उम्मीदवारों ने भू-पे की सभाओं को रद्द कर उनके स्थान पर किसी अन्य स्टार प्रचारक को भेजे जाने की गुहार पार्टी हाईकमान से लगाई है।

राज्य में अंतिम दौर के मतदान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। स्टार प्रचारकों और स्थानीय नेताओं ने आम सभा और रोड शो के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ी है। कभी कड़ी धूप तो कभी खराब मौसम के बावजूद यहां चुनाव प्रचार जारी है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के कई उम्मीदवारों और नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल से किनारा कर लिया है। उनके मुताबिक भ्रष्टाचार और घोटालों को अंजाम देने के चलते आम जनता के बीच बघेल का ग्राफ काफी नीचे गिर चुका है।

राजनांदगांव लोकसभा सीट में मतदान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूू-पे बघेल काफी राहत महसूस कर रहे हैं, वे इन दिनों चुनावी प्रचार पर निकल पड़े हैं। लेकिन कार्यक्रमों में उनकी आमद दरज होते ही कई उम्मीदवारों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी है। उन्हें पब्लिक के ना जुटने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। बताते हैं कि बतौर स्टार प्रचारक लोकसभा सीट में बघेल की मौजूदगी दर्ज होते ही वोट कटने का अंदेशा बढ़ गया है। उनका चुनाव प्रचार करना कई मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को नागवार गुजर रहा है। नतीजतन वे बघेल से किनारा कर रहे हैं।

कांग्रेसी खुद तस्दीक कर रहे हैं कि बघेल कई कांग्रेसी नेताओं की भी आंखों की किरकिरी बन गए हैं। विधान सभा चुनाव में हारने के बाद उनका ग्राफ काफी नीचे गिर चुका है। हाल ही के विधान सभा चुनाव में हार का ठीकरा भू-पे बघेल पर फूटने के बाद अब लोकसभा चुनाव में ज्यादातर प्रत्याशियों ने भू-पे बघेल से किनारा कर लिया है। मतदाताओं में भी भू-पे को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है। हालत यह है कि कई उम्मीदवारों ने भू-पे को उनके इलाकों में प्रचार ना करने की सलाह दी है।

सूत्रों के मुताबिक भू-पे बघेल की लगभग एक दर्जन चुनावी सभाओं और रोड शो को अंतिम समय में स्थगित कर दिया गया है। दो उम्मीदवारों ने तो बकायदा हाथ जोड़कर बघेल से उनके इलाकों में प्रचार ना करने की विनती तक की है। एक ने तो दो-टूक कह दिया है कि वे उनके इलाकों से दूर रहें, अन्यथा कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कई कांग्रेसी कार्यकर्त्ता तस्दीक कर रहे हैं कि मंचों पर भू-पे बघेल को देखकर पब्लिक लौट रही है, कई कार्यकर्त्ता और मतदाता अपने नाक कान सिकोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में बताते हैं कि रायगढ़ में बघेल की तीन बड़ी सभाएं और एक रोड शो रद्द कर दिया गया है।

जांजगीर-चांपा में बुधवार को प्रस्तावित रोड शो भी आगे बढ़ा दिया गया है। इस रोड शो में भूू-पे बघेल हिस्सा लेने वाले थे। यही हाल अंबिकापुर संसदीय सीट का है। बताते हैं कि यहां पांच में से सिर्फ एक स्थान पर ही बघेल आमसभा ले पाए हैं , शेष चार स्थगित कर दी गई है। कुछ कांग्रेसी नेता भी तस्दीक कर रहे हैं कि बघेल के स्थान पर किसी अन्य स्टार प्रचारक को भेजने के लिए पार्टी आलाकमान से चार उम्मीदवारों ने गंभीरता पूर्वक भेजने का आग्रह भी किया है।

कई कांग्रेसी खेमों में बघेल का बॉयकॉट किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल का नाम सुनते ही ज्यादातर इलाकों में मतदाता और कार्यकर्त्ता बिदक रहे हैं, वे उल्टे पांव लौटने लगे हैं। कार्यक्रम स्थलों में बघेल को देखते ही देखते भीड़ नदारद होने लगी है। बघेल का नाम सुनते ही कई ग्रामीण तो भड़क उठते हैं, वे पूर्व मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। यही हाल उन निष्ठावान कांग्रेसियों का है, जो पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं। बतौर स्टार प्रचारक बघेल की सभाओं को वे खारिज कर रहे हैं।

चुनावी मैदान से मिली जानकारी के मुताबिक बघेल की सक्रियता से कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, कुछ प्रत्याशियों पर तो हार का खतरा मंडराने लगा है। इससे बचने के लिए उन्होंने बघेल के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के भीतर राजनीति की नई बयार बह रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री को अलग-थलग कर दिया गया है। बहरहाल ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त ही बताएगा।