Chhattisgarh News: बॉलीवुड एक्टर व फिल्म स्टार अक्षय कुमार पर छत्तीसगढ़ के पेंड्रा के रहने वाले वकील ने भारत के नक्शे का अपमान करने का आरोप लगाया है और जिले के पुलिस अधीक्षक सहित गृह मंत्रालय भारत सरकार को भी लिखित शिकायत की है. पेंड्रा निवासी अधिवक्ता ने शिकायत में लिखा है कि फिल्म स्टार अक्षय कुमार ग्लोब पर बने भारत के मानचित्र पर जूता पहनकर खड़े हैं जो भारत के मानचित्र का अपमान है और दोषी व्यक्ति पर कार्यवाही करनी चाहिए. यह शिकायत रजिस्ट्री के माध्यम से की गई है.
दरअसल पेंड्रा के रहने वाले अधिवक्ता वीरेंद्र पंजाबी ने आज जिले के पुलिस अधिकारी सहित गृह मंत्रालय भारत सरकार को एक पत्र लिखते हुए लिखित शिकायत की है, जिसमे उन्होंने कहा है कि बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार उर्फ राजीव भाटिया (60 वर्ष) ने अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर एक फोटो वायरल की है. उन्होंने वीडियो पोस्ट कर भारत के नक्शे का अपमान करने और भावनाएं आहत होने की बात कही है. उन्होंने अक्षय कुमार के द्वारा इस तरह से भारत माता के नक्शे पर खड़े होना भारतीय नक्शे का अपमान बताया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र गृहमंत्री से शिकायत
अक्षय कुमार के इस कृत्य को राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत दंडनीय होने के कारण अधिवक्ता वीरेंद्र पंजाबी ने इसकी शिकायत केंद्रीय गृह मंत्री और महाराष्ट्र के गृह मंत्री से की है. उन्होंने पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. अधिवक्ता ने कहा कि अक्षय कुमार उर्फ राजीव भाटिया (60 वर्ष) ने अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर एक फोटो वायरल की है, जिसमें वह ग्लोब मैप में जूता पहनकर भारत माता के नक्शे पर खड़े हैं, उनका इस तरह से भारत माता के नक्शे पर खड़ा होना भारतीय नक्शे का अपमान है.
शिकायतकर्ता ने कहा मेरी भावनाएं हुई हैं आहत
शिकायतकर्ता ने कहा है कि, जिस तरह वह भारत के मानचित्र पर जूता पहनकर खड़े हैं उससे मेरी भावनाएं आहत हो रही हैं, उनका यह कृत्य राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत दण्डनीय है. ऐसी स्थिति में अक्षय कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही उन्होंने लिखा कि नक्शे पर खड़े हुए फोटो को डिलीट कराते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए. राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम 1971 के तहत देश के राष्ट्रीय प्रतीकों, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, संविधान और भारत के मानचित्र समेत अन्य के अपमान पर रोक लगाता है. ये भारतीय संविधान की अवमानना के तहत आता है.