आ रही है ठण्ड, हो जाये सतर्क क्योंकि सर्दी और प्रदूषण से बढ़ेगा कोरोना का खतरा, AIIMS के डायरेक्टर ने दी चेतावनी, संक्रमण से बचने के लिए सुझाये उपाए, बताया कोरोना वैक्सीन पहले बीमारों को फिर बारी स्वस्थ लोगों की

0
8

नई दिल्ली / देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है | देश में अभी ऐसा कोई राज्य सामने नहीं आया है, जहाँ संक्रमण के रफ़्तार में कमी दिखाई दे रही हो | शहर और ग्रामीण इलाके इन दिनों सामान्य रूप से दिखाई दे रहे है | इन दोनों ही इलाकों से कोरोना के मरीज रिपोर्ट कर रहे है | हालाँकि कई एक्सपर्ट पहले ही कह चुके हैं कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामले पहले से ज्यादा आ सकते हैं | इस अंदेशे पर मुहर लगाते हुए एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी जारी की है | उनके मुताबिक प्रदूषण में हल्की सी भी वृद्धि कोरोना के मामलों को और बढ़ा सकती है | बताया जाता है कि ठण्ड के मौसम में भारत में प्रदूषण का स्तर काफी ऊँचा होता है | इस दौरान तीज – त्यौहारों ही नहीं बल्कि खेतिहर इलाकों में पराली जलाई जाती है | इससे वातावरण में प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है |

तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि प्रदूषण के पीएम 2.5 स्तर में मामूली बढ़ोतरी भी कोरोना वायरस के मामलों को 8-9 फीसदी तक बढ़ा सकती है | उनके मुताबिक कोरोना के साथ प्रदूषण बढ़ने से फेफड़ों और श्वसन संबंधी बीमारियां भी और बढ़ सकती हैं |

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि सर्दियों के महीनों के दौरान लोगों को बहुत सावधानी रखने की जरूरत है | उन्होंने कहा, ‘चीन और इटली के डेटा बताते हैं कि जिन क्षेत्रों में जहां पीएम 2.5 के स्तर में थोड़ी भी वृद्धि हुई है, वहां कोरोना के मामलों में कम से कम 8-9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई हैं |’

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, ‘वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों में सूजन आ जाती है और SARS-COV-2 भी मुख्य रूप से फेफड़ों को ही प्रभावित करता है जिससे सूजन होती है | उन्होंने कहा कि ऐसे समय में भारत के कुछ इलाकों में जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां गंभीर संक्रमण फैल सकता है | इसके लिए सभी को सावधानी बरतना होगा | मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की सफाई रखनी होगी |

गुलेरिया ने कहा कि ‘सर्दियों के मौसम में हमें घर में रहने की आदत होती है | घर में ज्यादा लोगों के रहने की वजह से संक्रमण एक से दूसरे में आसानी से फैल सकता है | सर्दियों में श्वसन वायरस भी आसानी से फैलता है | इसलिए ऐसे मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है |’

उन्होंने कहा कि ‘संक्रमण पर हमारे सर्विलांस डेटा से पता चलता है कि इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियां भारत में दो बार उभरती हैं, एक बार मॉनसून के मौसम में और एक बार ठंड में | कोरोना वायरस भी श्वसन वायरल संक्रमण है और लगभग इन्फ्लुएंजा की तरह ही व्यवहार करता है | उनके मुताबिक मास्क, फिजिकल डिस्टेंस और हैंड हाइजीन का उपयोग करते हुए इसे 30 से 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है |’

भारत में आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर डॉक्टर गुलेरिया ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है | उन्होंने लोगों को आगाह किये है कि ‘त्यौहारों के मौसम में भीड़ बढ़ने की संभावना अधिक होती है और थोड़ी सी भी लापरवाही संक्रमण को और फैला सकती है, लोगों को इस साल सीमित तरीके से त्योहार मनाने चाहिए |’

कोरोना वैक्सीन की प्राथमिकता पर डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि ‘वैक्सीन देने में समानता बरती जाएगी | वैक्सीन पर प्राथमिकता का निर्धारण वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए | जिन लोगों की मृत्यु दर अधिक है या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उन लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि हमारा लक्ष्य कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों को रोकना है |’