News Today Exclusive: कौन है चौहान बिल्डर ? जिसके पास CM और सुपर सीएम के गुलाबी-गुलाबी 4 हज़ार करोड़, 2 हजार के नोटों को ठिकाने लगाने की कमान चर्चा में…

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दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में 2 हज़ार के गुलाबी नोटों पर केंद्रीय एजेंसियो की नज़र लगी हुई है,एजेंसियों ने चुनिंदा रियल स्टेट और सराफा कारोबारियों की कुंडली तैयार की है। उनके काले कारोबार का काला-चिटठा खंगालने के बाद चौकसी बढ़ा दी गई है।

उनके चार्टेड एकाउंटेंट,ग्राहकों, ब्रोकर,लेनदेन के तौर-तरीकों की पड़ताल जारी है। इस बीच एक अलर्ट ने केंद्रीय एजेंसियों के कान खड़े कर दिए है,सूचना ख़ुफ़िया लेकिन पुख्ता बताई जाती है। इसके बाद छत्तीसगढ़ के उन टॉप-10 राजनेताओ और नौकरशाहो पर निगाहें पैनी है,जो पौने पांच सालो में धन कुबेर बन कर उभरे है।

ऐसे धन कुबेरो में और कोई नहीं बल्कि खासतौर पर देश के उस सीएम के आस्तीन में फल-फूल रहे साहबजादे है,जिनकी तलाश IT-ED को है। इसमें स्वयं मुख्यमंत्री के अलावा उनके पुत्र दामाद, साले अन्य परिजनों समेत वो चुनिंदा कारोबारी और नौकरशाह शामिल है,जिनकी आकूत धन-दौलत ठिकाने लगाने की मुहिम जोर पकड़ रही है।

2 हजार के नोट बंदी से प्रभावित होने से बचने के लिए नोटों के सौदागरों ने अब 500 के नोट समेटना शुरू कर दिया है। 20 से 25 फीसदी की कटौती के बाद खुले बाजार में उछाल मार रहे ये नोट ग्राहकों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते है। दरअसल,केंद्र सरकार ने 2 हजार नोट के धारको को आगाह भी किया है।

RBI से जारी दिशा निर्देशों में सब कुछ साफ़ कर दिया गया है। ऐसे में किसी थर्ड पार्टी के 2 हजार के नोटों की अदला-बदली उन लोगो पर भारी पड़ सकती है,जो इसे ठिकाने लगाने का मंसूबा पाल रहे है।

देश में छत्तीसगढ़ बनाना रि-पब्लिक के रूप में अपनी नई पहचान गढ़ रहा है। सरकारी सरपरस्ती में कई दागी नौकरशाह और नेता एक बार फिर बैंको और उनके अधिकारियो के साथ-साथ रियल स्टेट और सराफा कारोबारियों के साथ कदमताल करते नजर आने लगे है। कोई फेस टाइम में तो कोई संचार के अन्य साधनो के जरिए 2 हजार के नोटों को ठिकाने लगाने की तरकीब में जुटा हुआ है।

इस कड़ी में दुर्ग और भिलाई के वो बिल्डर और सराफा कारोबारी सुर्ख़ियों में है, जिनका सुपर सीएम सौम्या चौरसिया और संवैधानिक सीएम से गहरा नाता है। इन्ही में से एक किसी “चौहान” बिल्डर की सक्रियता जोरो पर बताई जा रही है। बताते है कि समस्त चौहान साहब की दुर्ग-भिलाई में तूती बोलती है। सौम्या की तिजोरी इन्ही चौहान साहब के ठिकानो में फिट बताई जाती है। सूत्र दावा कर रहे है कि माल निकलने वाला है, बस हरी झंडी का इंतज़ार है। 

छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है,जहां की पुलिस और प्रशासन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कारोबारियों को घर पहुँच सेवा देता है। ब्लैक मनी को इधर से उधर करने वाले और उसके उत्पादन से लेकर मांग और आपूर्ति के बीच सामंजस्य बनाए रखने में हुनरबाज नौकरशाहों को ही मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है।

कायदे-कानूनों का पालन करने वाले कर्मचारी और नौकरशाह शासन-प्रशासन की मुख्यधारा से खदेड़ दिए गए है,उनके स्थान पर आउटसोर्सिंग और संविदा नियुक्ति के जरिए रिटायर्ड दागी अफसरो की तैनाती की जा रही है। ताकि सरकारी रकम को अपनी मंशानुरूप ठिकाने लगाया जा सके।

बताते है कि विवेक ढांड,निरंजन दास,डॉ अलोक शुक्ला समेत दर्जनों ऐसे रिटायर्ड नौकरशाह है,जिनके कंधो पर सरकारी मशीनरी के जरिए अवैध उगाही की जिम्मेदारी डाली गई है। ये अफसर अपने सेवा काल में जितने घाघ थे,उससे ज्यादा अब शातिर बताए जाते है। 

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बताते है कि IT-ED और CBI के सक्रिय होते ही पूर्व मुख्यसचिव विवेक ढांड भारत छोड़ विदेश में सैर-सपाटे में व्यस्त है, आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास अचानक लापता हो गए है। ED का समन जारी होते ही निरंजन दास जहां नौ दो ग्यारह हो गए,वही सीएम का करीबी अरविन्द सिंह भी अपने घर से नदारद हो गया है। उसे भी ED तलाश रही है।

लेकिन वो भी ढूंढे नहीं मिल रहा है। सीएम के बेटे दामाद भी ED से दूरियां बनाए हुए है। उनकी भी राह तकी जा रही है। लेकिन हर कोई ED के समक्ष उपस्थित होने के बजाए भागम-भाग में जुटा है,ऐसे में संदेह जाहिर किया जा रहा है कि पूरी दाल ही काली है।  

छत्तीसगढ़ में डिजिटल और नगद लेनदेन के जरिए 2 हजार के नोटों को खपाने का बीड़ा उठाया गया है। इसके लिए कई सरकारी और गैर सरकारी उन उपक्रमों पर भी दलालो ने अपना डेरा डाल लिया है,जहां रोजाना लाखो की नगदी इकट्ठा होती है।

इसमें छत्तीसगढ़ शासन के बैनर तले मुख्यमंत्री का सरकारी शराब दुकानों का गोरखधंधा भी शामिल है। यहां कई प्राइवेट और आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिए सेंधमारी की गई है।

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सूत्र बताते है कि शराब दुकानों में 5 सौ और 2 सौ के नोटों आवक को 2 हजार के नोटों में तब्दील करने के मौखिक निर्देश है,इसके लिए कमीशन की राशि भी फिक्स कर दी गई है। लिहाजा आबकारी के साथ बिजली विभाग के जरिए भी रोजाना 2 हजार के नोटों की बड़ी रकम ठिकाने लगाने की योजना को अस्तित्व में लाया गया है।

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फिलहाल, IT-ED,CBI,NIA,DRI जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए छत्तीसगढ़ के काले कारोबारी बड़ी चूनौती बन गए है,सत्ता के नशे में नोटबंदी के प्रावधानों को रद्दी की टोकरी में डालने वालो पर अबकी बार केंद्र की निगाहे तिरछी दिखाई दे रही है।