भोपाल / मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार की ओर से बेशक मौजूदा राजनीतिक संकट को सुलझा लेने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है | मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले चार विधायकों के बेंगलुरू के रिसॉर्ट में बीजेपी नेताओं के साथ जाने के बाद ये संकट सामने आया था | संकट अभी सुलझा नहीं है, इसका सबूत निर्दलीय विधायक सुरेंद्र शेरा ने दिया है |
सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए शेरा ने कहा कि मैं गृह मंत्री बनना चाहता हूं। वर्तमान गृह मंत्री बाला बच्चन में क्षमताओं की कमी है। उनसे काम नहीं संभल पा रहा है। मेरी इच्छा है कि पुलिस को लोगों के अनुकूल बनाया जाए। लोग पुलिस से नहीं डरे बल्कि उनकी दोस्त बने। हालांकि मेरी मंत्री पद को लेकर कमलनाथ से बात नहीं हुई है। सुरेंद्र शेरा की ओर से गृह मंत्री बनाए जाने की मांग पर मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने उन्हें संयम बरतने और ज्यादा न उछलने के लिए कहा है |
एक और नेता, कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ हुई डील पर चुप्पी साध रखी है | बिसाहू लाल को बेंगलुरू से राज्य के पर्यटन मंत्री हनी बघेल रविवार को लेकर लौटे थे | मंदसौर से कांग्रेस विधायक हरदीप डांग समेत दो कांग्रेस नेता अभी तक बेंगलुरू से नहीं लौटे है | डांग की ओर से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, दोनों को भेजा जा चुका है |
मध्यप्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति भी शामिल है। मैं उनके सुझावों का पालन करुंगा। सूत्रों का कहना है कि करीब 20 मिनट तक चली इस मुलाकात में राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई। मध्य प्रदेश में राज्य सभा के लिए तीन सीटें भरी जानी हैं | इनमें एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी को मिलना तय है | जबकि तीसरी सीट के लिए मुकाबला होगा |
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