जयपुर : राजस्थान में सीएम बदलने की चर्चाओं के बीच गहलोत गुट के विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान को सकते में डाल दिया है|विधायकों ने गहलोत के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा देने की बात कह कर चौंका दिया है|ये विधायक स्पीकर सीपी जोशी के घर इस्तीफा देने पहुंच गए थे | उनके बगावती तेवर देखकर खड़गे और माकन को बैक टू पवेलियन होना पड़ा | दिल्ली पहुंचकर वे सोनिया गाँधी को हालात से रूबरू करायेंगे | कयास लगाया जा रहा है कि गहलोत के स्थान पर नया नेता कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ सकता है |
हालाँकि इस पर अंतिम फैसला गाँधी परिवार को लेना है | राजस्थान में सियासी घमासान के बीच कांग्रेस में बड़ी बगावत नजर आ रही है | सीएम अशोक गहलोत गुट के विधायक उनके समर्थन में इस्तीफा देने के लिए स्पीकर सीपी जोशी के घर पहुंच गए थे | वे सीएम अशोक गहलोत के उम्मीदवार को ही समर्थन देना चाहते है |
वर्ना ये कांग्रेस विधायक इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं | उन्हें सचिन पायलट का नाम सीएम पद के लिए मंजूर नहीं है | बगावती कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, “सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं. विधायक इस बात से खफा हैं कि सीएम अशोक गहलोत उनसे सलाह किए बिना कैसे फैसला ले सकते हैं |
उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत विधायकों की सलाह पर ध्यान दें. हमारे साथ 92 विधायक हैं.प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं. 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं. पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं. सरकार नहीं गिरी है, हमारे परिवार के मुखिया(अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संख्या बल से चलता है, राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे नेता वही होगा.
कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन, अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे | यहाँ सचिन पायलट भी मौजूद थे | गहलोत गुट के विधायकों की बस स्पीकर सीपी जोशी के घर पहुंची | मतलब साफ है कि विधायक दल की बैठक में अशोक गहलोत गुट का विधायक कोई शामिल होने नहीं जा रहा है |
उधर एआईसीसी पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे. वे उन्हें राजस्थान कांग्रेस संकट से संबंधित रिपोर्ट देंगे | माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब विधायक दल की कोई आधिकारिक बैठक बुलाई गई हो और यदि कोई उसी के समानांतर एक अनाधिकारिक बैठक बुलाए, तो यह प्रथम दृष्टया ‘‘अनुशासनहीनता’’ है.
माकन ने कहा, ‘‘आगे देखेंगे कि इस पर क्या कार्रवाई होती है.’’ उन्होंने कहा कि अभी यह जानकारी नहीं है कि कितने विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दिया है | माकन ने कहा कि विधायकों का एक समूह सशर्त प्रस्ताव पारित कराने पर जोर दे रहा था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया.