छत्तीसगढ़ कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ED के सरकारी गवाह बनने को तैयार, कर सकते हैं आत्मसमर्पण? दिल्ली दरबार में नही मिला हाजिर होने का मौका, दिग्गी से मुलाकात के बाद रायपुर लौटने की तैयारी में…

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रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सबसे चर्चित कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल लगभग 4 माह से नादारद हैं।रायपुर स्थित पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में आखिरी बार वे उस समय देखे गए थे जब विधान सभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी। रामगोपाल इस बैठक में लेन-देन के मामलों के निपटारे के लिए बुलाए गए थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के बाद कोषाध्यक्ष ऐसे नादारद हुए कि दुबारा रायपुर में नजर ही नही आए। बताते हैं कि राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद तो, उन्होंने कांग्रेस से ही अपना नाता तोड़ लिया।

नई सरकार के गठन के बाद कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम और बैठकों में तक रामगोपाल नादारद रहे हैं। अंदेशा ED के हत्थे चढ़ने का बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय को रामगोपाल अग्रवाल की तलाश है। बताया जाता है कि कोल खनन घोटाला हो या फिर शराब घोटाला और पार्टी को मिले फंड के संबंध में एजेंसियां उनसे पूछताछ करना चाहती है।

लेकिन जांच एजेंसियों को रामगोपाल ढूंढे नही मिल रहे हैं। अब खबर आ रही है कि इंतेजार की घड़ियां जल्द खत्म होने वाली है।रामगोपाल कोर्ट में आत्मसमर्पण का ताना बाना बुन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दरबार में राहुल गांधी से मिलने का वक्त नही मिल पाने से कांग्रेस के प्रति उनकी नाराजगी छलक रही है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि रामगोपाल ED के सरकारी गवाह बनने को तैयार हैं? वे भू-पे राज में अवैध वसूली के पितामाह के रूप में भी जाने पहचाने जाते थे। लिहाजा कई घोटालों की कड़ी रामगोपाल से जुड़ रही है। इसमें PSC घोटाला भी शामिल है, जिसकी जांच अब CBI के हवाले है।

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पूर्व भू-पे सरकार के राज में प्रदेश के बड़े उद्योगपतियों से अवैध वसूली के एक और मामले का खुलासा हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक भू-पे के खास राजदार रामगोपाल मिडिया के सामने प्रगट हो कर अपना मुंह खोल सकते हैं।

लेन-देन का पूरा हिसाब उनके मुंह में भरा हुआ है, यह मामला भी चौंकाने वाला हो सकता है। बताया जाता है कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद भू-पे गिरोह में खलबली मच गई है।कई नामी गिरामी संदेही ED के साथ कानूनी दांव-पेंच आजमाने के बजाए विधिसंगत सहायता के लिए राजी हो गए हैं। वे भ्रष्टाचार का काला सच स्वीकारते हुए एजेंसियों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि अवैध वसूली सिर्फ भूू-पे के लिए की जा रही थी, वे तो सिर्फ छोटे से प्यादे थे। बताते हैं कि रामगोपाल भी यही अलाप रहे हैं।

खबरों के मुताबिक ED के शिकंजे में लगभग समा चुके रामगोपाल का हृदय भी अब परिवर्तित होते नजर आने लगा है। उसकी भी गिरफ्तारी जल्द होने की खबर आ रही है। इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि अपने राजनैतिक गुरुओं से उसे ED के समक्ष हाजिर होने की नेक सलाह दी गई है। यह देखना गौरतलब होगा कि रामगोपाल के कदम विष्णुदेव के राज में राम मंदिर की ओर मुड़ेंगे या फिर एक बार राजीव भवन में चहल कदमी करते नजर आएंगे। फिलहाल तो ED को उनकी तलाश है।