Udaipur Murder Case: कन्हैया लाल के हत्यारों के खिलाफ इन धाराओं में हुआ है केस दर्ज, जानिए- क्या हो सकती है सजा

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राजस्थान के उदयपुर में 28 जून की दोपहर को हुए कन्हैयालाल के बर्बर हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया था. वहीं पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद के साथ कई और आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घटना के बाद कई संगठन और समाज और राजनीतिक पार्टियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है और सभी की इस बर्बर हत्याकांड पर आरोपियों की फांसी की मांग कर रहे हैं.

इधर शहर के धानमंडी थाना पुलिस के बाद एनआईए ने जो आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की है उसमें भी जो कृत्य किया है उस पर उन्हीं धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें कोर्ट द्वारा आरोपियों को फांसी हो सकती है. इसमें आईपीसी धारा 302, UA(P) ACT 1967 के साथ-साथ कहीं और धाराओं को जोड़ा गया है. एनआईए के उदयपुर में रहने वाले अधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि किन धाराओं में एनआईए ने मुकदमा दर्ज किया है और इन धाराओं की परिभाषा और सजा क्या कहती है.

प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार यह है FIR

  • आईपीसी 302 : किसी व्यक्ति की हत्या करना- सजा फांसी या आजीवन कैद
  • धारा 153(A): धार्मिक भावनाएं भड़काना- सजा 3 साल कैद
  • धारा 153 (B): राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने- सजा 5 साल कैद
  • धारा 452 : बिना अनुमति घर में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी और दबाव बनाना- सजा 7 साल कैद
  • धारा 34 : कई लोग समान इरादे से कोई आपराधिक कृत्य करते हैं तो उनमें से हर इस कृत्य के लिए उसी तरह जवाबदेह होगा, जैसे उसने अकेले इस काम को अंजाम दिया हो- सजा सभी आरोपियों को कोर्ट द्वारा तय समान होगी
  • UAPA सेक्शन 16 : किसी वर्ग को भयभीत करने के लिए मृत्यु जैसे कृत्य को पारित करना- सजा आजीवन कैद
  • UAPA सेक्शन 18 : समाज में धर्म विशेष में दहशत फैलाना- सजा आजीवन कैद
  • UA (A) सेक्शन 20 : विधि के विरुद्ध कार्य करना- सजा आजीवन कैद

धारा 307 को भी जोड़ा
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद एनआईए ने आईपीसी 307 को भी जोड़ा था जिसका मतलब है जानलेवा हमला करना, क्योंकि आरोपियों ने कन्हैयालाल की हत्या करने के साथ उनके दुकान में काम करने वाले सहयोगी लर हमला किया था.
UAPA यानी का फुल फॉर्म Unlawful Activities (Prevention) Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम. इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है.